सन्तवाणी सुनने के लिए सपरिवार आएं जिससे भौतिकतावादी युग में तनाव कम होगा : देवनानी स्पीकर

विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी
विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी
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  • वासुदेव देवनानी ने मुनिअर्चित सागर के दीक्षा दिवस पर शुभकामनाएं दी

जयपुर। राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गुरूवार को दिगम्बर जैन 1008 चन्द्रप्रभ मंदिर, जयपुर में दीक्षा दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं एवं बधाई दी। विधान सभा अध्य‍क्ष देवनानी ने मुनि अर्चित सागर को कोटि-कोटि नमन किया। हम लोगों को मुनि के मार्ग पर चलने का प्रयास करना होगा। दीक्षा वास्तव में सारी सांसारिक इच्छाओं के त्याग का परिचायक है। दीक्षा में सत्य के पालन करने के लिए पांच महामंत्रों का उल्लेख किया है। जिसके अंतर्गत अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह व चोरी ना करना है। आज के भौतिकवादी युग में इस तरह के जीवन को अपनाना अपने आप में अनोखा है। मुनियों का आशीर्वाद वास्तव में तपस्वी जीवन की प्रेरणा देता है।

जिस भौतिकवादी युग में हम जी रहे हैं, उसमें तपस्या के पराक्रम की कल्पना करना ही कठिन है।
आवश्यकता से अधिक धन नहीं रखने के नियम की जीवन में पालन करना बहुत ही कठिन है, लेकिन इसका पालन करना गर्व का विषय है। तनाव समस्याओं की जड़ है। तनाव नहीं करने के लिए साधना करने की आवश्यकता है। देवनानी ने कहा कि समस्याओं का समाधान आत्म शांति है।

अहिंसा का पालन हम सब लोगों को करना चाहिए और उसे ग्रहस्थ जीवन में पालन करें, तो उससे जीवन में सुख ही सुख है। यही जीवन का सार है। सम्मान आपको सदैव जीवन जीने की प्रेरणा देता है। जब कभी मुनि के प्रवचनों हेतु आप पण्डाल में आयें तो सारी बातों को भूल करके मुनि के प्रवचनों में ध्यान केंद्रित करें। दीक्षा लोगों को सन्मार्ग की ओर ले जाती है। देवनानी ने कहा कि सन्तवाणी सुनने के लिए सपरिवार आएं , जिससे भौतिकतावादी युग में तनाव कम होगा।