
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को मतदान हुआ। अब 3 दिसंबर को सभी की नजर चुनाव नतीजों पर है। राजस्थान में किसकी सरकार बनेगी और राजधानी में किसका पलड़ा भारी रहेगा। यह मतगणना के बाद ही साफ होगा। जयपुर में पिछले चुनाव की तुलना में लगभग एक फीसदी वोट ज्यादा पड़े है। ऐसे में यह अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि वोटर का रूझान किस और है, हालांकि दोनों दलों ने अपनी सरकार बनने और जयपुर में भी ज्यादा सीट के ज्यादा दावे जरूर किए हैं।
परकोटे की सीटों पर मतदान का अंतर ज्यादा

परकोटे की तीन सीटों किशनपोल, आदर्शनगर और हवामहल सीट पर पिछले चुनाव की तुलना में मतदान ज्यादा हुआ है। इनमें भी किशनपोल में पांच और हवामहल में चार फीसदी ज्यादा मतदान हुआ है। जबकि आदर्शनगर में करीब एक फीसदी वोट ज्यादा पड़े है। ये तीनों सीटें अल्पसंख्यक बहुल मानी जाती है। कांग्रेस के नेता इसे अपने लिए शुभ संकेत मान रहे हैं।
इन सीटों पर एक फीसदी वोट का अंतर
बाहरी सीटों मेंं सिविल लाइंस, मालवीय नगर, सांगानेर, विद्याधरनगर, झोटवाड़ा में लगभग एक फीसदी मतदान ज्यादा हैं वहीं आमेर में तीन फीसदी मतदान कम हुआ है। वहीं बगरू में लगभग पिछले चुनाव के लगभग ही वोट गिरे है।
ज्यादा मतदान को माना जाता हैं एंटीइनकमबैंसी
आम तौर पर जब पिछले चुनाव की तुलना में मतदान का प्रतिशत ज्यादा होता है तो उसे वर्तमान सरकार के खिलाफ एंटीइनकमबैंसी माना जाता है लेकिन अब की बार के चुनाव में यह मतदान ज्यादा नहीं है और एक फीसदी से भी कम वोट ज्यादा पडे है। हालांकि कांग्रेस के नेता इसे अपने पक्ष में और भाजपा के नेता अपने पक्ष में होने के दावे कर रहे है।
जयपुर में पिछली बार कांग्रेस ने मारी थी बाजी
पिछले चुनाव में जयपुर की 19 सीटों में से कांग्रेस को 10 और भाजपा को 6 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि तीन सीट निर्दलीयों के खाते में गई थी। जयपुर में आदर्शनगर, किशनपोल, हवामहल, सिविल लाइंस, बगरू, झोटवाड़ा, जमवारामगढ़, कोटपूतली, विराटनगर और चाकसू सीट पर कांग्रेस आई थी। वहीं सांगानेर, मालवीयनगर, विद्याधर नगर, आमेर, चौमूं और फुलेरा पर भाजपा को जीत मिली थी। वहीं दूदू, बस्सी और शाहपुरा में निर्दलीय जीत कर आए थे।
पिछले चुनावों में जयपुर में यह रहा था मतदान प्रतिशत
वर्ष – मतदान
2023 – 75.15
2018 – 74.34
2013 – 74.24
2008 – 63.65
यह भी पढ़ें : राना कनाडा ने मनाया दिवाली वार्षिक उत्सव