राजस्थान में कांग्रेस का राष्ट्रीय चिंतन शिविर, भावी लोकसभा चुनावों की रणनीति राजस्थान में बनेगी

राहुल गांधी,rahul gandhi
राहुल गांधी,rahul gandhi

जयपुर। राज्य की कांग्रेस अगले विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है। इसी दौरान राजस्थान में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने चिंतन शिविर आयोजित करने का तय कर दिया है। अगले माह उदयपुर में चिंतन शिविर प्रस्तावित बताया जा रहा। गांधी परिवार राजस्थान में ही चिंतन शिविर क्यों कर रहा इसके पीछे मकसद साफ है उत्तर भारत या यूं कहे हिंदी पट्टी में संदेश देना, राजस्थान में फिर सरकार लाना और पड़ोसी राज्य गुजरात तक चुनावी संदेश पहुंचाना।
राजस्थान से सटे राज्य गुजरात में चुनाव की आहट है और गुजरात के बिल्कुल समीप ही उदयपुर में कांग्रेस का राष्ट्रीय चिंतन शिविर अगले माह राज्य के उदयपुर में होने जा रहा। जाहिर है चिंतन के जरिए संदेश पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के राज्य तक पहुंचाना है। पांच राज्यों में हार की वजह तलाशने और भविष्य की रणनीति को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी ,प्रियंका गांधी समेत प्रमुख करीब 200 नेता चिंतन शिविर में आएंगे। इससे पहले कांग्रेस की कार्यसमिति भी आयोजित होगी। बहरहाल उत्तर भारत के कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान के मेवाड़ में चिंतन शिविर होने के पीछे कई सियासी तथ्य है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संदेश भेजा।तीन दिन तक चलने वाले इस शिविर में नेताओं और कार्यकर्ताओं से हार के कारण जानने की कोशिश की जाएगी। साथ ही कांग्रेस गुजरात, हिमाचल प्रदेश के साथ ही अगले साल होने वाले कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाएगी।

2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले के लिए गठबंधन की नई सियासत शुरू करने पर भी चर्चा हो सकेगी। इस शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता और महासचिव भाग लेंगे। चिंतन शिविर में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी मौजूद रह सकते हैं।पिछले दिनों कांग्रेस कार्यसमिति (ष्टङ्खष्ट) की बैठक में फैसला लिया गया था कि पार्टी चिंतन शिविर आयोजित कर पूरे देश के नेताओं को बुलाकर उनके सुझाव, हार के कारणों की समीक्षा, शिकायतों और आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति तय कि। 9 साल पहले भी कांग्रेस का चिंतन शिविर राजस्थान में आयोजित किया गया था। इसी तरह का चिंतन शिविर साल 2013 में जयपुर हुआ था।

उस समय शिविर में 2014 के लोकसभा चुनाव में जाने की तैयारियों और रणनीति को लेकर चर्चा की गई थी। तब राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था। संयोग है कि तब भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही थे। इसके साथ ही राजस्थान में एक अन्य चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था। राज्य के माउंट आबू में ही 8 से 9 नवंबर 2002 को 14 कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई थी। अब उम्मीद है कि राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बनाने की बात चिंतन शिविर में उठे। इससे पहले आजादी की गौरव यात्रा में शामिल होने और जनसभा को संबोधित करने के लिए राहुल गांधी राजस्थान आ सकते है।