मोदी की शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस

पीएम ने कहा था: कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुस्लिम लीग की झलक

नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को पार्टी के घोषणापत्र की तुलना ‘मुस्लिम लीग’ के घोषणापत्र से करने पर प्रधानमंत्री मोदी की शिकायत चुनाव आयोग में की। मोदी ने 6 अप्रैल को अजमेर में एक चुनावी रैली के दौरान यह टिप्पणी की थी। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र को ‘झूठ का पुलिंदा’ कहा था। उन्होंने कहा कि दस्तावेज के हर पन्ने से ‘भारत को टुकड़ों में तोड़ने की कोशिश की बू आती है।’

पीएम मोदी ने कहा था, ‘मुस्लिम लीग की मुहर वाले इस घोषणापत्र में जो कुछ बचा था, उस पर वामपंथियों ने कब्जा कर लिया है। आज कांग्रेस के पास न तो सिद्धांत बचे हैं और न ही नीतियां। ऐसा लगता है जैसे कांग्रेस ने सब कुछ ठेके पर दे दिया है और पूरी पार्टी को आउटसोर्स कर दिया है।’

मोदी की टिप्पणी पर खड़गे का पलटवार

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उनके ‘वैचारिक पूर्वजों’ ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था। खड़गे ने ट्वीट किया, ‘मोदी-शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था।’ आज भी वो आम भारतीयों के योगदान से बनाए गए ‘कांग्रेस न्याय पत्र’ के खिलाफ मुस्लिम लीग की दुहाई दे रहे हैं।

आपके पुरखों ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया

खड़गे ने आगे लिखा, ‘मोदी-शाह के पुरखों ने 1942 में ‘भारत छोड़ो’ के दौरान, महात्मा गांधी के आह्वान व मौलाना आजाद की अध्यक्षता वाले आंदोलन का विरोध किया। सभी जानते हैं कि आपके पुरखों ने 1940′ में मुस्लिम लीग के साथ मिलकर बंगाल, सिंध और एनडब्ल्यूएफपी में अपनी सरकार बनाई। क्या श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तत्कालीन अंग्रेजी गवर्नर को ये नहीं लिखा कि 1942 के देश व कांग्रेस के भारत छोड़ो आंदोलन को कैसे दबाना चाहिए? और इसके लिए वे अंगे्रजों का साथ देने के लिए तैयार है? मोदी-शाह व उनके पार्टी अध्यक्ष आज कांग्रेस घोषणापत्र के बारे में उल्टी-सीधी भ्रांतियां फैला रहें हैं।