भारत के विकास में सिंधी समाज का योगदान अविस्मरणीय : देवनानी

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी

जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि सिंधी समाज ने न सिर्फ भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया, बल्कि देश के विकास और औद्योगिक क्रांति में भी अपना अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद इस समाज ने कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए त्याग, समर्पण और कड़ी मेहनत से देश की आर्थिक प्रगति में सक्रिय भागीदारी निभाई है। सिंधी समाज आज भी देश-विदेश में अपनी उद्यमशीलता के लिए जाना जाता है। देवनानी मुम्बई के निकट ठाणे स्थित उपवन झील पर आयोजित ‘सुनहरी सिंध 2.0’ के समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ सिंधी ठाणे द्वारा किया गया था। उन्होंने फीता काटकर समारोह का उद्घाटन भी किया।

देवनानी ने कहा कि सिंधी समुदाय की संस्कृति, परंपराएं और योगदान सदैव सम्मान के योग्य रहे हैं। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि “हमें गर्व है कि हम सिंधु संस्कृति का हिस्सा हैं। इस संस्कृति में झूलेलाल, हेमू कालानी और संत कंवरराम जैसी महान विभूतियाँ हुई हैं।” उन्होंने भारत के राष्ट्रगान में सिंधु का उल्लेख करते हुए कहा कि जैसे यहूदी समुदाय 2200 वर्षों बाद यरुशलम लौटा, वैसे ही सिंध भी एक दिन अखंड भारत का हिस्सा बनेगा। राजस्थान में अपने शिक्षा मंत्री के कार्यकाल को याद करते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने सिंधी समाज की महान विभूतियों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करवाया। साथ ही, अजमेर की प्रसिद्ध फॉयसागर झील का नाम बदलकर वरुण सागर रखने जैसे सांस्कृतिक पुनर्स्थापन के प्रयास किए।

‘सुनहरी सिंध 2.0’ समारोह में सिंध के इतिहास की सजीव झांकियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, व्यंजन, हस्तशिल्प, कपड़ों, पारंपरिक परिधानों, और लोक कलाओं के माध्यम से सिंधी संस्कृति को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। इस आयोजन में ‘मोहनजोदड़ो का स्वर्ण युग’, ‘विभाजन 1947 की रेलगाड़ी’, ‘संतों की झलकियां’, और ‘सिंधी शौर्यगाथाएं’ दर्शकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र रहीं। इस अवसर पर देवनानी ने समाज की तीन प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित किया। उन्हाेंने दादी वीना भाटिया को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, डॉ. सतराम मखीजा को सिंधी भाषा शिक्षा में योगदान के लिए तथा मुरली अदनानी को समाज एवं संस्कृति में योगदान के लिए सम्मानित किया।

देवनानी ने कहा कि यह उत्सव सिंधी संस्कृति को पुनर्जीवित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस आयोजन से नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने और संघर्ष की कहानियों से प्रेरणा लेने का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम के आयोजक राजू के खेतवानी ने बताया कि इस चार दिवसीय उत्सव में सिंधी इतिहास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा-परिचर्चा, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और हस्तनिर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी आयोजित की गई। आयोजन में फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ सिंधीज, ठाणे के अध्यक्ष राजू कन्हैया लाल खेतवानी सहित देशभर से सिंधी समुदाय के प्रमुख संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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