फिल्म ‘काली’ पर बढ़ा विवाद

यूपी और दिल्ली में एफआईआर दर्ज

नई दिल्ली। डॉक्युमेंट्री ‘काली’ के आपत्तिजनक पोस्टर पर विवाद बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश में मेकर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। वहीं, अब खबर आ रही है कि दिल्ली पुलिस ने भी निर्माताओं के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। बता दें कि डॉक्यूमेंट्री ‘काली’ के पोस्टर में मां काली बनी अभिनेत्री के एक हाथ में सिगरेट तो दूसरे हाथ में एलजीबीटीक्यू का झंडा दिखाया गया है। देवी का यह रूप देख हर कोई हैरान रह गया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स मेकर्स पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।


यूपी में एफआईआर

एएनआई के मुताबिक यूपी पुलिस ने हिंदू देवी-देवताओं के अपमानजनक चित्रण के लिए फिल्म ‘काली’ की निर्माता लीना मणिमेकलाई के खिलाफ आपराधिक साजिश, पूजा स्थल पर अपराध, जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से शांति भंग करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की।

दिल्ली में प्राथमिकी दर्ज

वहीं दिल्ली पुलिस की आईएफएसओक इकाई ने काली फिल्म से संबंधित एक विवादास्पद पोस्टर के संबंध में आईपीसी की धारा 153 और 295 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

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सामने आया मेकर्स का बयान

मणिमेकलाई ने एक ट्विटर पोस्ट में लिखा, मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है। जब तक मैं जीवित हूं, मैं एक ऐसी आवाज बनकर रहना चाहती हूं जो निडर होकर बोलती रहे। अगर इसकी कीमत मेरी जिंदगी है, तो इसे दिया जा सकता है। जब इस पर विवाद बढऩे लगा तक लीना ने तमिल में पोस्ट शेयर कर लिखा, इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक शाम काली प्रकट होती हैं और टोरंटो की सड़कों पर घूमने लगती हैं। यदि आप इस फिल्म को देखेंगे तो आप मेरी गिरफ्तारी की मांग करने की बजाए मुझसे प्यार करने लगोगे।

नुसरत जहां ने कहा…

नुसरत जहां ने मेकर्स का साइड लेते हुए कहा, धर्म को बीच में मत लाओ। इसे बेचने लायक मत बनाओ। अपने ड्राइंग रूम में बैठकर सारी मसालेदार स्टोरी को देखना बहुत आसान होता है। मैंने हमेशा क्रिएटिविटी को सपोर्ट किया है। व्यक्तित्व को सपोर्ट किया है। मेरा मानना है कि धार्मिक भावनाएं आहत नहीं की जा सकतीं। क्योंकि हर कोई अपने धर्म को अपने हिसाब से फॉलो करता है। मैं अपने तरीके से और आप अपने….आपको वो करने का हक है और मुझे भी। वहीं, अशोक पंडित ने लिखा, क्या सुप्रीम कोर्ट, जिसने कन्हैया लाल की हत्या के लिए नूपुर शर्मा को दोषी ठहराया था, अब एक फिल्म निर्माता के मामले को उठाएगी, जिसने हिंदू देवी (मां काली) को गाली दी है। क्या कोर्ट उसे सलाखों के पीछे नहीं डालेगी? क्या अर्बन नक्सल गैंग की बेगम और लुटियंस मीडिया इसकी निंदा करेगी?