
कूपर कॉर्पोरेशन के 10 केवीए और 25 केवीए के फ्लैगशिप गैस जेनसेट इकलौते ऐसे इंजन हैं, जो ईपीए की कसौटी पर खरे उतरते हैं और पहली बार भारत से निर्यात के लिए तैयार हैं
पुणे: कूपर कॉर्पोरेशन पूरी दुनिया में इंजन, इंजन के कल-पुर्जों और जनरेटर के निर्माण के लिए मशहूर है, जिसने बड़े गर्व के साथ गैस से चलने वाले जेनसेट की अपनी पहली बड़ी शिपमेंट अमेरिका को भेजने की घोषणा की। यह एक बड़ी उपलब्धि है जिससे पता चलता है कि कंपनी ने अमेरिका को बड़े पैमाने पर किए जाने वाले निर्यात की शुरुआत कर दी है। कंपनी आने वाले समय में 5 केवीए से 500 केवीए तक के जेनसेट के निर्यात के लिए तैयार है, जिन्हें अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी की ओर से मंजूरी दी गई है।
कूपर कॉर्पोरेशन के 10 केवीए और 25 केवीए के फ्लैगशिप गैस जेनसेट भारत में इस तरह के इकलौते ऐसे इंजन हैं, जो ईपीए की कसौटी पर खरे उतरते हैं, जिससे जाहिर होता है कि इंजीनियरिंग के मामले में कंपनी सबसे आगे है और पर्यावरण के नियमों का पालन करने के इरादे पर अटल है। अमेरिकी बाज़ार में इन सभी जेनसेट्स को, खास तौर पर 25 केवीए वाले वेरिएंट को बेहद शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है।
अमेरिका के अलावा, कूपर जापान को भी अपने वी-ट्विन एलपीजी 10 केवीए जेनसेट का निर्यात कर रहा है और इसके लिए कंपनी ने जापान की सिंफ़ोनिया को अपना साझेदार बनाया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस विस्तार से पता चलता है कि, ग्लोबल पावर सॉल्यूशन इंडस्ट्री में कूपर की मौजूदगी लगातार बढ़ रही है।