
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण जारी लॉकडाउन की वजह से लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। इसी का नतीजा है कि पिछले 4 महीनों में लोगों ने पीएफ से कुल 30,000 करोड़ रुपए निकाले हैं। पैसों की परेशानी से जूझ रहे लोग भविष्य निधि से पैसा निकाल कर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से जुलाई तक 80 लाख सब्सक्राइबर्स ने ईपीएफओ से पैसा निकाला है।
मेडिकल इमरजेंसी के नाम पर निकाले सबसे ज्यादा पैसे
रिपोर्ट के मुताबिक 30 लाख सब्सक्राइबर्स ने कोविड विंडो के तहत 8000 करोड़ रुपए की निकासी की है। 50 लाख सब्सक्राइबर्स ने सामान्य जरूरतों के लिए 22000 करोड़ रुपए निकाले हैं। जिसमें ज्यादातर मेडिकल जरूरतें हैं।
अप्रैल से जून तक निकले थे 15 हजार करोड़ रुपए
1 अप्रैल से 30 जून तक 55 लाख से ज्यादा लोगों ने पीएफ अकाउंट से पैसे निकाले हैं। इन दावों के निपटारे के जरिए ईपीएफओ ने 15 हजार करोड़ रुपए जारी किए हैं। 9 जून से 29 जून के बीच 20 लाख लोगों ने अपनी बचत राशि विड्रॉ की है।
पिछले वित्त वर्ष में निकले थे 72 हजार करोड़ रुपए
वित्त वर्ष 2019-20 में कुल 72 हजार करोड़ रुपए निकाले गए थे। वहीं इस वित्त वर्ष में सिर्फ चार महीने में 30 हजार करोड़ रुपए निकाले जा चुके हैं। ऐसे में अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। ईपीएफओ करीब 10 लाख करोड़ का फंड मैनेज करता है और इसके सब्सक्राइबर्स की संख्या करीब 6 करोड़ है।
कोरोना के कारण सरकार ने दी थी पीएफ निकालने की राहत
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कोरोना संकट को देखते हुए ईपीएफ खाताधारकों को राहत देते हुए 30 जून तक उनके जमा की एडवांस निकासी की सुविधा दी थी। ईपीएफओ ने इसके लिए ईपीएफ स्कीम-1952 में बदलाव किया था।
मेडिकल इमरजेंसी में निकाल सकते हैं पूरा पैसा
अगर आपको मेडिकल इमरजेंसी है तो आप पीएफ का पैसा निकाल सकते हैं। कर्मचारी को पीएफ निकालने के लिए नियोक्ता की मंजूरी की जरूरत नहीं है और पीएफ अब सीधे ईपीएफओ से निकाला जा सकता है। कर्मचारी इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। मेडिकल इमरजेंसी पर आप अपने वेतन का 6 गुना या प्रोविडेंट फंड की पूरी रकम, जो भी कम हो, निकाल सकते हैं।
नौकरी जाने पर तुरंत निकाल सकते हैं 75 फीसदी रकम?
पीएफ विद्ड्रॉअल के नियम के तहत अगर किसी मेंबर की नौकरी चली जाती है तो वह 1 माह के बाद पीएफ अकाउंट से 75 फीसदी पैसा निकाल सकता है। इससे वह बेरोजगारी के दौरान अपनी जरूरतें पूरी कर सकता है। ईपीएफ में जमा बाकी 25 फीसदी हिस्से को जॉब छूटने के दो महीने बाद निकाला जा सकता है। अगर आप ये पैसा नहीं निकालते हैं तो नई नौकरी मिलने पर उसके पीएफ अकाउंट में कंट्रीब्यूशन फिर से शुरू हो जाएगा।