कोरोना काल और त्योहारी सीजन में ग्राहकों को आरबीआई से झटका, ईएमआई में राहत नहीं मिली

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक आज समाप्त हो गई है। कोरोना काल और त्योहारी सीजन में ग्राहकों को आरबीआई से झटका लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।

जबकि ग्राहकों को ईएमआई में कटौती की उम्मीद थी। मालूम हो कि यह एमपीसी की 25वीं बैठक थी, जो पहले 28 सितंबर को होनी थी। समिति में स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति में देरी के कारण बैठक को आगे टालना पड़ा था। अब तीन जाने माने अर्थशास्त्रियों अशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिड़े को एमपीसी का सदस्य नियुक्त कर दिया गया है। आईए जानते हैं केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों के लिए क्या एलान किए हैं। 

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति के नए सदस्यों का स्वागत किया और उनका आभार प्रकट किया। आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह चार फीसदी पर बरकरार है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है। यानी ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है। दास ने कहा कि रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।

आगे गवर्नर ने कहा कि हाल में आए आर्थिक आंकड़ों से अच्छे संकेत मिले हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में रिकवरी के मजबूत संकेत मिले हैं। कई देशों में मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल बिक्री में रिकवरी देखने को मिली है। साथ ही खपत और निर्यात में भी कई देशों में सुधार दिखा गया।

चालू वित्त वर्ष के आखिरी तिमाही में जीडीपी में वृद्धि की उम्मीद है। हम बेहतर भविष्य के बारे में सोच रहे हैं। सभी सेक्टर्स में ग्रोथ देखने को मिल रही है। 

शक्तिकांत दास ने कहा कि, मैं आशावादी हूं। तीसरी तिमाही में वैश्विक अर्थव्यवस्था की गतिविधियों में असमान रूप से ही लेकिन रिबाउंड देखने को मिला है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही का गहरा संकुचन पीछे छूट चुका है। उन्होंने कहा कि अब फोकस रिवाइवल पर है। भारत कोरोना वायरस से पहले की वृद्धि के आंकड़े को छू सकता है।

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