
जयपुर नगर निगम ग्रेटर आयुक्त यज्ञमित्र सिंह संग मारपीट मामले के आरोपी पार्षद शंकर शर्मा को आज कोर्ट ने जमानत पर छोड़ दिया। शर्मा को निचली अदालत ने 27 जुलाई को सरेंडर करने के बाद जेल भेज दिया था।
इस पर पार्षद के अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह नरूका और सतीश शर्मा ने जमानत के लिए अपर जिला एवं सेशन कोर्ट संख्या 3 में अर्जी लगाई थी, जिस पर कल कोर्ट ने सुनवाई की थी। सुनवाई के बाद आज फैसला सुनाते हुए पार्षद को जमानत पर छोड़़ दिया। इससे पहले इस मामले में तीन अन्य पार्षदों को भी जेल जाना पड़ा था।
पार्षद के अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि बहस में हमने बताया कि जो मुकदमा इन तीनों पर दर्ज किया गया है वह राजनीति द्वैषता के कारण किया गया, जबकि ये तीनों नगर पालिका की धारा 66 के अनुरूप लोक सेवक है। इसी के तहत अपने कर्त्तव्य की पालना कर रहे थे।

इसके अलावा इस मामले में दोषी तीनों पार्षदों की जमानत का भी हवाला दिया गया। इस पर न्यायाधीश सुमन गुप्ता ने पार्षद शर्मा को 50-50 हजार की दो जमानत व एक लाख के मुचलके पर जमानत देने का फैसला सुनाया।
आपको बता दें कि एसीएमएम कोर्ट 8 ने ग्रेटर नगर निगम जयपुर के कमिश्नर से मारपीट और अभद्रता के मामले में ज्योति नगर थाना पुलिस की ओर से निलंबित आरोपी पार्षदों पारस जैन, अजय सिंह, शंकर शर्मा और रामकिशोर प्रजापत के खिलाफ पेश चालान पर प्रसंज्ञान लिया था।
इसके बाद कोर्ट ने चारों आरोपी पार्षदों के खिलाफ एक जुलाई को गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद से ये लोग फरार चल रहे थे। 19 जुलाई को इनमें से तीन पार्षद पारस जैन, अजय सिंह और रामकिशोर प्रजापत ने सरेण्डर कर दिया था, जिसके बाद उन्हे कोर्ट ने जेल भेज दिया था। वहीं पार्षद शर्मा ने 27 जुलाई को कोर्ट में सरेण्डर किया था।