सीएम भजन लाल के चुनाव क्षेत्र सांगानेर में हजारों लोगों के रोजगार पर संकट, रंगाई-छपाई फैक्ट्रियां बंद करने के आदेश

Crisis on employment of thousands of people in CM Bhajan Lal's constituency Sanganer
Crisis on employment of thousands of people in CM Bhajan Lal's constituency Sanganer

जयपुर। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र सांगानेर में हजारों लोगों के रोजगार पर संकट आ गया है। क्योंकि जयपुर की कॉमर्शियल कोर्ट ने इस क्षेत्र में चल रही 1100 से ज्यादा रंगाई-छपाई की फैक्ट्रियों को तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश दिए हैं। संभवतः आज कल में ही इन्हें सील करने का काम शुरू हो जाएगा।

कोर्ट ने यह आदेश इसलिए दिया है क्योंकि इन फैक्ट्रियों से निकलने वाले कैमिकल युक्त (प्रदूषित पानी) को ट्रीट करने के लिए बनाए गए ट्रीटमेंट प्लांट बनाने वाले ठेकेदार को उसकी बकाया राशि का भुगतान करवाना है। इसके लिए कोर्ट ने इन रंगाई-छपाई फैक्ट्रियों की एसोसिएशन को 3 माह का समय दिया है ताकि वे सदस्य इकाइयों से पैसा इकट्ठा करके संबंधित ठेकेदार को भुगतान कर सकें।

कॉमर्शियल कोर्ट के न्यायाधीश दिनेश कुमार गुप्ता ने यह आदेश प्रकरण संख्या: 1604/2023 (CIS 1643/2023) एडवेंट एनवायरोकैर टेक्नोलॉजी प्रा. लि., अहमदाबाद बनाम सांगानेर एनवायरो प्रोजेक्ट डेवलपमेंट जयपुर के मामले में 14 फरवरी, 2025 को सुनाया। बता दें कि सांगानेर क्षेत्र में रंगाई-छपाई फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित पानी की समस्या कई दशक पुरानी है। इसकी वजह से सांगानेर क्षेत्र का ना केवल भूमिगत जल प्रदूषित हो चुका है. बल्कि प्रदूषित पानी से खेती किए जाने के कारण फल-सब्जियों और अनाज के रूप में यह जहर सीधे लोगों के शरीर में जा रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए हाईकोर्ट भी सरकार को निर्देशित कर चुकी है।

सीईटीपी की ताजा रिपोर्ट पेश करने के आदेशः
कॉमन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) को लेकर दो तरह की बातें सामने आ रही थीं। सरकारी डिपार्टमेंट इसे जहां चालू हालत में बता रहे थे, वहीं स्थानीय लोगों के मुताबिक यह चालू ही नहीं हुआ। सीईटीपी अभी तक चालू नहीं हो पाने के लिए संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा है। इसलिए कोर्ट ने सांगानेर प्रदूषण निवारण समिति, राजस्थान सरकार, जयपुर विकास प्राधिकरण एवं राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा है कि वे सीईटीपी परियोजना की अद्यतन स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसके साथ ही राज्य सरकार को भी आदेश दिया है कि वह सीईटीपी परियोजना का सुचारू संचालन सुनिश्चित करे और परियोजना में देरी के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों की जवाबदेही तय करे।

ठेकेदार को पैसा नहीं दिया तो होगी संपत्तियों की कुर्कीः
अगर सांगानेर कपड़ा रंगाई-छपाई संघ, सांगानेर प्रदूषण निवारण समिति एवं अन्य औद्योगिक संगठनों को कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि वे अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों का पालन करें और सीईटीपी के संचालन के लिए आवश्यक फंड प्रदान करें। अगर ठेकेदार का भुगतान नहीं किया तो तीन माह बाद रंगाई-छपाई फैक्ट्रियों को कुर्क करके उनकी नीलामी की जा सकती है। इसके लिए जिला कलेक्टर एवं पुलिस आयुक्त से कहा है कि वे कुर्की और नीलामी प्रक्रिया में कोर्ट के स्टाफ को मदद करें।

रुक सकता है जिला कलेक्टर और जेडीए आयुक्त का वेतनः
कॉमर्शियल कोर्ट ने 36 पेज के फैसले में जिला कलेक्टर और जयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त (जेडीसी) को व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी ठहराते हुए निर्देश दिया है कि यदि अगली सुनवाई तक वे सीईटीपी को चालू करने में विफल रहते हैं, तो उनकी व्यक्तिगत संपत्तियों की कुर्की, वेतन रोकने तथा न्यायालय की अवमानना की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी। यह आदेश राजस्थान सरकार पर तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए बाध्यकारी होगा।