
कोटा। दो साल से कोविड-19 की मार झेल रही कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर है। शहर के सभी बड़े संस्थानों में प्रवेश के लिए देशभर से बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स से पहुंच रहे हैं। इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए अभी तक करीब एक लाख विद्यार्थियों ने एडमिशन लिए हैं। इनके बैच सितम्बर तक जारी रहेंगे और एडमिशन लेने वालों की यह संख्या दो लाख के पार कर जाएगी। बढ़ेगा रोजगार, बिजनेसअच्छे एडमिशन से कोटा का लोकल बिजनेस भी बढे़गा। दरअसल इन बच्चों का पूरे साल में खर्चा करीब ढाई से तीन लाख रुपए होता है। यह राशि फुटकर व्यापारियों से लेकर
हॉस्टल, कोचिंग, मेस और पीजी मालिक और स्थानीय दुकानदारों तक पहुंचती है। एक अनुमान के मुताबिक कोटा कोचिंग इंडस्ट्री से करीब 1 लाख लोग प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। इनमें कोचिंग, मैस, हॉस्टल और पीजी में काम करने वाले लोग शामिल हैं। इसके अलावा स्टेशनरी की दुकान से लेकर लॉन्ड्री, फुटकर खाने-पीने की दुकानों और ऑटो-टैक्सी, मनोरंजन, बड़े रेस्टोरेंट और मॉल भी हैं । कोविड-19 के चलते यह सभी लोग संकट में थे, यहां तक कि कई दुकानें ऐसी थी जो कि किराया नहीं चुकाने के चलते खाली हो गई थी।हिन्दी पट्टी से है ज्यादातर आवक कोटा आने वाले छात्रों में अधिकांश बिहार, उत्तर प्रदेश के हैं। इनके बाद में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र व कर्नाटक के बच्चे हैं। करीब 25 हजार बच्चे राजस्थान के भी हैं।कोटा नई ऊंचाइयों को छुएगाबच्चे दो साल से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे, वे ऑफलाइन की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। अब कोई बाध्यता नहीं है, पूरी तरह से ऑफलाइन खुल चुका है। इसे में कोटा शहर के लिए अच्छा रुझान है । बच्चे जो राशि कोटा में खर्च करते हैं, उससे निश्चित तौर पर कोटा में रोजगार के साधन बढ़ेंगे। कोविड-19 के दौर में 2 साल के दोरान पटरी से उतरी कोटा की इकोनॉमी को संबल मिलेगा।कोटा शहर में करीब दो से सवा दो लाख रूम हैं। काफी अच्छा रुझान मिल रहा है। नए बच्चों की बात करें तो अभी तक एक लाख से अधिक बच्चे आ चुके हैं। ये हॉस्टल में रह रहे हैं। अभी बच्चे आते रहेंगे और कोटा के सभी हॉस्टल मेरे हिसाब से फुल हो जाएंगे।….ऐसा ही रुझान बना रहेगा कोटा के कोचिंग संस्थानों में क्लासरूम कोचिंग के लिए बड़ी संख्या में एडमिशन हो रहे हैं। अभी बोर्ड परीक्षा के परिणाम आने में देर है। इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम भी जून-जुलाई में होने जा रहे हैं।
ऐसा ही रुझान बना रहेगा

कोटा के कोचिंग संस्थानों में क्लासरूम कोचिंग के लिए बड़ी संख्या में एडमिशन हो रहे हैं। अभी बोर्ड परीक्षा के परिणाम आने में देर है। इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम भी जून-जुलाई में होने जा रहे हैं। ऐसे में जून, जुलाई, अगस्त में लगातार बैच शुरू होंगे। इसके अलावा इन परीक्षाओं में बैठने वाले ऐसे विद्यार्थी जिनका चयन नहीं होता और रिपीटर विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में आएंगे। बच्चों के आने का क्रम सितम्बर तक भी जारी रहेगा।
नितिन विजय, फाउंडर और सीईओ, मोशन एजुकेशन, कोटा
बच्चों के लिए पॉजिटिव माहौल

मेरा बेटा इंजीनियर बनना चाहता है। उसको लेकर यहां आया हूँ। कोटा वाकई शिक्षा की काशी है। इसमें पूरा देश समाया हुआ है। यहां पूरे देश से आए अभिभावकों से मिलना हुआ। यहां चारों और स्टूडेंट, हॉस्टल, कोचिंग का माहौल नजर आता है। लगता है यह शहर स्टूडेंट के सपनों को साकार करने के लिए ही बना है। कोटा कोचिंग की अच्छी बात है कि यहां पेरेंट्स को स्टूडेंट्स की पढ़ाई और उपस्थिति के बारे में लगातार अपडेट रखा जाता है।
– मनप्रीत सिंह जालन्धर, पंजाब
ऑनलाइन पढ़ाई से बोर हो गए थे बच्चे

कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ना बच्चों के लिए बोरिंग रहा । जब फेस टू फेस बच्चा ऑफलाइन क्लास रूम में पढता है, तब बच्चे का एनर्जी लेवल काफी हाई होता है। कंपीटेटिव एनवायरनमेंट भी यहां होता है। उम्मीद है कि कोटा में जिस तरह से पहले पढ़ाई होती रही है । इस बार भी अच्छी पढ़ाई यहां पर होगी. सभी कोटावासी बच्चों का यहां पर अच्छा ध्यान रखेंगे ।
खगेन कोलिता, गोलाघाट, असम