महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी में सांस्कृतिक कार्यक्रम

यूनिवर्सिटी
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शास्त्रीय गायिका कौशिकी चक्रवर्ती ने सुरों से सजाई सांझ

जयपुर। सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी के संस्थापक न्यासी स्वर्गीय रामजीलाल स्वर्णकार की 20वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पटियाला घराने की सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका कौशिकी चक्रवर्ती ने सुरों की रंगोली से संध्या सजाई। सुधि श्रोताओं से खचाखच भरे सभागार में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत में परिजनों द्वारा स्व. रामजीलाल एवं स्व. गोमती देवी स्वर्णकार को पुष्पांजलि अर्पित की गई।

चेयरपर्सन डॉ विकास स्वर्णकार ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि पिछले 20 वर्षों से कला तथा संस्कृति को समर्पित यह सालाना कार्यक्रम आज जयपुर के बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में अपनी पहचान रखता है। संस्थापक चेयरमैन डॉ एम एल स्वर्णकार ने कहा कि इन कार्यक्रमों के जरिए जयपुर की जनता को विख्यात कला मर्मज्ञ से रूबरू होने का अवसर दिया जाता है।कार्यक्रम खासकर युवा पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का एक प्रयास है। कार्यक्रम में अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शास्त्रीय गायिका कौशिकी चक्रवर्ती ने गायकी की सभी विधाओं को जीवंत किया। कौशिकी ने कहा कि युवा पीढ़ी को जब मैं शास्त्रीय संगीत कार्यक्रमों में देखती हूं तो लगता है कि हम अपने उद्देश्य में सफल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे संगीत से आत्मा पवित्र होती है। उन्होंने सरगम का आलाप से संबंध तथा विलंबित जैसी शब्दावलियों की जानकारी दी।

कार्यक्रम की शुरुआत ध्रुपद की बंदिश ‘जाओ जाओ जाओ गिरधारी, बरजोरी करत विनती मैं वारी जाऊं गिरधारी की खूबसूरत प्रस्तुति से की। ऐ घटा इतना ना बरस कि वो आ ना सके, और जो आए तो इतना बरस कि वो जा न सके बोलों को ठुमरी में सजाया। पारंपरिक रचना चलो मन गंगा जमुना तीर, गंगा जमुना निर्मल पानी शीतल होत शरीर सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने सलोना सा सजन है और मैं हूं… जिया में एक अगन है और मैं हूं भी सुनाया।

कार्यक्रम में मीना स्वर्णकार, राम रटन सोनी, नीलम सोनी, हरमन स्वर्णकार, डॉ शोभित स्वर्णकार, जया स्वर्णकार, डॉ सुधीर सचदेव, डॉ विनय कपूर, डीजीपी उमेश मिश्रा, भूपेंद्र दक, कमिश्नर बीजू जार्ज जोसफ, बी एल सोनी, डी बी गुप्ता, मालिनी अग्रवाल, संजय अग्रवाल, अंतर सिंह नेहरा सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक तथा गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे।