दौसा जिला परिषद की बैठक : पानी-बिजली-सड़क के मुद्दों पर अधिकारियों की जवाबदेही पर उठे सवाल

जिला परिषद की बैठक
जिला परिषद की बैठक

दौसा। जिला परिषद की साधारण सभा बुधवार को जिला प्रमुख हीरालाल सैनी की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें जिले की बुनियादी समस्याओं—बिजली, पानी और सड़कों को लेकर जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों के प्रति नाराज़गी जताई। गर्मी के चरम पर पहुंचने के बावजूद इन आवश्यक सेवाओं की बदहाली ने सदस्यों को आक्रोशित कर दिया।

बुनियादी सुविधाओं की भारी किल्लत

सभा के दौरान विधायक डीसी बैरवा ने कहा कि बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं नागरिकों का हक हैं और इन्हें उपलब्ध कराना संबंधित विभागों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि जिले में हालात दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे न तो जनता की समस्याओं की सुनवाई कर रहे हैं और न ही समाधान की दिशा में गंभीर प्रयास कर रहे हैं।

पानी को लेकर हाहाकार

सदस्यों ने बताया कि जिले भर में जल संकट गहराता जा रहा है। गांवों में हैंडपंप खराब पड़े हैं, कुएं सूख चुके हैं और टैंकरों से जलापूर्ति की कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं की गई है। जलदाय विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठे। सदस्यों ने आरोप लगाया कि पिछली बैठक में उठाए गए मुद्दों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई और न ही पूर्ण पालना रिपोर्ट दी गई।

बिजली कटौती बनी जनजीवन की आफ़त

बैठक में बिजली संकट भी प्रमुख मुद्दा रहा। सदस्यों ने बताया कि जिले में लगातार बिजली की अघोषित कटौती की जा रही है। भीषण गर्मी में यह कटौती आम जनता के लिए गंभीर समस्या बन चुकी है। बिजली विभाग मेंटेनेंस के नाम पर बिजली गायब कर देता है, लेकिन वास्तव में मामूली हवा चलने पर भी आपूर्ति बाधित हो जाती है। गिरे हुए बिजली के खंभों को कई-कई दिन तक नहीं उठाया जाता और ट्रांसफार्मर जलने के बाद भी महीनों तक बदले नहीं जाते।

सड़कें बनी हादसों की वजह

परिषद सदस्य भोमाराम बैरवा ने मलारणा रोड की हालत पर चिंता जताते हुए कहा कि खराब सड़क के चलते क्षेत्र में आवागमन बाधित है। वहीं, खुरी से चांदराणा मार्ग के दोनों ओर की कीकर झाड़ियों के कारण अब तक कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन सफाई या छंटाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई।

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