
जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बागीदौरा क्षेत्र से विधायक जय कृष्ण पटेल के प्रकरण को राजस्थान विधान सभा की गरिमा को प्रश्नगत करने वाले आचरण की जांच के लिए राजस्थान विधानसभा की सदाचार समिति को निर्दिष्ट किया है। देवनानी ने कहा है कि राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों के महानिदेशक ने विधानसभा को सूचित किया है कि विधानसभा में लगाए गए प्रश्न को हटाने की एवज में विधायक पटेल द्वारा रिश्वत मांग किए जाने की पुष्टि होने एवं रिश्वत राशि के बीस लाख रुपए प्राप्त करते हुए रंगे हाथों पकड़े जाने के कारण धारा 7,12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (यथा संशोधित 2018) व 61(2), 238 बीएनएस-2023 में नियमानुसार गिरफ्तार किया गया है।
देवनानी ने कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान विधानसभा प्रक्रिया नियम 253 खा, खा के तहत संबंधित शिकायत की जांच हेतु प्रकरण को विधानसभा की सदाचार समिति को निर्दिष्ट किया गया है। देवनानी ने कहा है कि इस प्रकरण की प्रथम सूचना रिपोर्ट भी विधानसभा को प्राप्त हो गई है। रिश्वत की रकम विधायक आवास से प्राप्त करना बताया गया है। इससे विधान सभा की गरिमा प्रश्नगत हुई है। देवनानी ने विधान सभा सदस्य पटेल के कथित आचरण से संबंधित विभिन्न बिंदुओं की जांच किए जाने हेतु प्रकरण को विधान सभा की सदाचार समिति को भेजा है। सदाचार समिति द्वारा प्रकरण पर विचार करने के पश्चात अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी। सदाचार समिति की रिपोर्ट सदन में रखी जायेगी।
उल्लेखनीय है कि सदाचार समिति को राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष अथवा सदन द्वारा किसी विधान सभा सदस्य के विरूद्ध सदन के बाहर अथवा अंदर अनैतिक व्यवहार से संबंधित शिकायत की जांच करने के लिए निर्दिष्ट किया जाता है। विधायक कंवरलाल मीणा के मामले में निर्णय शीघ्र- राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बताया है कि विधान सभा सदस्य कंवरलाल मीणा के प्रकरण में महाधिवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ताओं से राय ली जा रही है। इस पर निर्णय समयावधि में नियमानुसार शीघ्र किया जाएगा।