नागौर के नांवा में हाई स्पीड ट्रेनों के लिए डेडीकेटेड टेस्ट ट्रैक टेस्ट ट्रैक, विश्व में इस तरह का पहला टेस्ट ट्रैक

Dedicated test track test track
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जयपुर। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि प्रदेश के नागौर जिले के नांवा गांव में  819 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे हाई स्पीड ट्रेन टेस्ट ट्रैक के निर्माण के लिए राजकीय भूमि का प्राथमिकता से रेलवे को आवंटन किया जाए। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में इस तरह का यह पहला इलेक्ट्रीफाइड डेडीकेटेड टेस्ट ट्रैक होगा। उन्होंने कहा कि टेस्ट ट्रैक का काम पूरा होने पर देश सहित सभी विदेशों की ब्रॉडगेज हाई स्पीड ट्रेनों की टेस्टिंग भी यहां की जा सकेगी और वैश्विक रेलवे के मानचित्र पर राजस्थान अव्वल होगा।

श्रीमती शर्मा मंगलवार को यहॉ शासन सचिवालय में परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग द्वारा नागौर जिले में रेलवे की रोलिंग स्टॉक के परीक्षण के लिए टेस्ट ट्रैक निर्माण की विशेष रेल परियोजना ‘डेडीकेटेड टेस्ट ट्रैक‘ के लिए राजकीय भूमि आवंटन के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहीं थीं।
मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को राजकीय भूमि  शीघ्र आवंटित करने और निर्माण कार्य जारी रखने के निर्देश दिए। श्रीमती शर्मा ने प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल तरंगा हिल- अंबाजी- आबू रोड के लिए नई ब्रॉडगेज लाइन के निर्माण के लिए वन विभाग, राजस्व विभाग एवं रेलवे की संयुक्त टीम बनाकर सर्वे करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में प्रपोजल तैयार कर भूमि अधिग्रहण का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए।

इस अवसर पर उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर के महाप्रबंधक विजय शर्मा की उपस्थिति में रेलवे के अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि डेडीकेटेड टेस्ट ट्रैक की कुल लंबाई 45 किलोमीटर है। जिसमें से 4.5 किलोमीटर रेलवे लाइन का कार्योदेश जारी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से ग्रीन प्रोजेक्ट है और इसके सभी स्टेशन सोलर पावर से संचालित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह ट्रैक भारत में ट्रेनों की सुरक्षा और गति को बढ़ाने में सहायक होगा। इसी प्रकार तरंगा हिल अंबाजी और आबूरोड के मध्य बनने वाले नई ब्रॉड गेज लाइन की कुल लागत 2798 करोड़ रुपए है।