राजस्थान में दिल्ली जैसा मामला, 250 दलित परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़ा

दलित परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़ा
परिवारों की ओर से धर्म परिवर्तन करने के बाद देवी-देवताओं की तस्वीरों का विसर्जन किया गया।

मारपीट से खफा दलित परिवारों ने देवी-देवताओं की मूर्तियां नदी में विसर्जित कीं

बारां। दिल्ली में हजारों दलित परिवारों द्वारा हिन्दू धर्म त्यागने जैसा मामला राजस्थान के बारां जिले में सामने आया है। हालांकि 250 परिवारों ने यह कदम इसलिए उठाया है, क्योंकि उन्हें न्याय नहीं मिल रहा था और इससे खफा होकर उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया है। मामला शुक्रवार का बताया जा रहा है। इन परिवारों का आरोप है कि दुर्गा पूजा के दौरान उनके साथ सवर्ण समाज के लोगों ने उनके साथ मारपीट। इसकी शिकायत उन्होंने संबंधित थाने से लेकर विधायक, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को लिखित में की थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बौद्ध धर्म अपनाने से पहले सुबह आक्रोश रैली निकाली गई। इन लोगों ने अपने घरों से देवी-देवताओं की मूर्तियों और तस्वीरों को बैथली नदी में विसर्जित कर दिया।

इन परिवारों ने राज्य सरकार के खिलाफ भी आक्रोश जताया और आरोप लगाया कि 15 दिन पहले मां दुर्गा की आरती करने पर सवर्णों ने दलित समुदाय के दो युवकों के साथ मारपीट की थी। समाज ने राष्ट्रपति से लेकर जिला प्रशासन तक न्याय की गुहार लगाई, लेकिन मारपीट के आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह पूरा मामला छबड़ा क्षेत्र के भूलोन गांव का है।

मां दुर्गा की आरती करने पर दलित युवकों को पीटा

लित परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़ा
परिवारों की ओर से धर्म परिवर्तन करने के बाद देवी-देवताओं की तस्वीरों का विसर्जन किया गया।

जिला बैरवा महासभा युवा मोर्चा के अध्यक्ष बालमुकंद बैरवा ने बताया कि भूलोन गांव में 5 अक्टूबर को दलित समुदाय के युवकों राजेंद्र और रामहेत ऐरवाल ने मां दुर्गा की आरती का आयोजन किया था। इन युवकों से राहुल शर्मा और लालचंद लोधा ने मारपीट की थी।

इन लोगों का आरोप है कि इसे लेकर पुलिस प्रशासन, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन जब कहीं से कोई कार्रवाई नहीं हुई तो समाज के लोगों ने सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन का फैसला लिया। शुक्रवार को गांव में आक्रोश रैली निकाली। इसके बाद देवी-देवताओं की प्रतिमाओं-तस्वीरों का नदी में विसर्जन किया।

एसडीएम ऑफिस पर प्रदर्शन की चेतावनी

बालमुकंद बैरवा ने चेतावनी दी कि अगर मुख्य आरोपी को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो छबड़ा एसडीएम ऑफिस पर प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था ठप होने और दलितों पर अत्याचार के मामले बढऩे के आरोप लगाए। इस दौरान रमेश मेराठा, बद्रीलाल बैरवा (छीपाबड़ौद), छीतरलाल बैरवा, पवन, रामहेत बैरवा, महेंद्र मीणा (तुर्कीपाड़ा) आदि मौजूद रहे।

मामले को दिया जा रहा राजनीतिक तूल

ष्ठस्क्क पूजा नागर ने बताया कि पीडि़त ने थाने में स्नढ्ढक्र दर्ज कराई थी, लेकिन उसमें सरपंच प्रतिनिधि का नाम नहीं लिखा है। मामले की जांच की जा रही है।

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