
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में ठहरे कोरोना जांच के लिए अस्पताल लाए गए
नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित भारत के साथ साथ पूरी दुनिया तबलीगी जमात के सेंटर (मरकज) में ठहरे हुए तबलीगी जमात के 34 लोग कोरोना जांच के लिए एलएनजेपी अस्पताल लाए गए ।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह कोरोना संक्रमण के संदिग्ध भी पाए गए हैं। यह भी कहा जा रहा है कि इतनी बढ़ी तादाद में यह लोगों को रखने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर मरकज के मौलाना के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है यहां तक के एफआईआर तक दर्ज हो सकती है। इसमें एक 64 साल के व्यक्ति की मौत हो गई। वो तमिलनाडु का रहने वाला था।
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बयान में आगे कहा गया कि अब हमें जानकारी मिली है कि नियमों का उल्लंघन किया गया और कोरोना वायरस के कई पॉजिटिव केस यहां (जमात के मरकज) से सामने आए हैं। जो भी इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
तबलीगी जमात का सेंटर होने के चलते देश ही नहीं पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं। इसके बाद उन्हें अलग-अलग समूहों में विभिन्न शहरों और कस्बों की इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए भेजा जाता है।
इन्हें इलाकों की चिट दी जाती है जिसमें मस्जिदों का ब्योरा होता है। ये लोग वहां पहुंचते हैं और मस्जिदों में ठहरते हैं। इसनमें ज्यादातर लोग मलेशिया और इंडोनेशिया के नागरिक बताए जा रहे हैं।
दिल्ली में रहने के दौरान यह कई लोगों के सम्पर्क में आए हैं। ये लोग 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच कुआलालंपुर में हुए इस्लामिक उपदेशकों के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद भारत आए थे। यह बात सामने आने से पुलिस की चिंता बढ़ गई है।
अब अन्य राज्यों की पुलिस भी अपने यहां ऐसे लोगों की चिह्नित कर रही है जो इस इस्लामिक कार्यक्रम का हिस्सा थे।