पीएम मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग, हाई कोर्ट ने की खारिज, क्या है मामला!

पीएम मोदी
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नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर दाखिल की गई याचिका खारिज कर दी है। याचिका में पीएम मोदी पर हेट स्पीच देने का आरोप लगाया गया है और इसके लिए राजस्थान के बांसवाड़ा और मध्य प्रदेश के सागर में दिए गए भाषणों का हवाला दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग को कई बार शिकायत करने के बावजूद इस मामले में ऐक्शन नहीं लिया गया।

याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग ने शिकायतों पर केसीआर, आतिशी, दिलीप घोष जैसे नेताओं को नोटिस भेजा लेकिन पीएम मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीएम मोदी के भाषण से जुड़ी शिकायत पर भी बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस भेजा गया।

हालांकि कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि चुनावी आचार संहिता से निपटने का मामला चुनाव आयोग को है और कोर्ट इस मामले में कोई दखल नहीं देगा। बता दें, इससे पहले चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के आरोपों पर पहली बार संज्ञान लेते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से विपक्षी दलों द्वारा दर्ज कराई शिकायतों पर जवाब देने को कहा था।

साथ ही आयोग ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के बयानों को लेकर बीजेपी द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत पर भी विपक्षी दल से जवाब देने को कहा था।

जेपी नड्डा को लिखे पत्र में आयोग ने 21 अप्रैल को बांसवाड़ा में पीएम मोदी द्वारा दिए गए के संबंध में कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और भाकपा (एमएल) की ओर से दर्ज कराई गई शिकायतों पर नड्डा से सोमवार तक जवाब देने को कहा। आयोग ने नड्डा से यह भी कहा कि वह पार्टी के सभी स्टार प्रचारकों से राजनीतिक विमर्श के उच्च मानक तय करने और आदर्श आचार संहिता का अक्षरत: पालन करने के लिए कहें।

अधिकारियों ने कहा था कि यह पहली बार है कि आयोग ने किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत का संज्ञान लिया हो। निर्वाचन आयोग ने स्टार प्रचारकों पर लगाम लगाने के पहले कदम के तहत पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराने के लिए जनप्रतिनिधि कानून के प्रावधानों का इस्तेमाल किया है। आयोग ने इसी तरह का एक पत्र कांग्रेस अध्यक्ष को भी लिखा था जो उनके और गांधी के खिलाफ भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित था।