कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी, कानून वापस करने की मांग पर अड़े किसान

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का आज 9वां दिन है। आंदोलन के चलते दिल्ली बॉर्डर पर 9 प्वाइंट पर ट्रैफिक बंद कर दिया गया है। केंद्र और किसानों के साथ गुरुवार को हुई बातचीत के बाद ही साफ हो गया था कि आंदोलन अभी थमेगा नहीं, क्योंकि चौथे दौर की इस बातचीत में भी कई मसलों पर गतिरोध बना हुआ है। किसान कानून वापस करने की मांग पर अड़े हैं।

केंद्र और किसानों के बीच 5वें राउंड की बातचीत 5 दिसंबर यानी कल होनी है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के लीडर दर्शनपाल ने कहा कि केंद्र कानूनों में कुछ सुधार पर राजी है, पर हम नहीं। हमने उन्हें बता दिया है कि पूरे कानूनों में ही खामी है। हम कल होने वाली मीटिंग से पहले आज आपस में बातचीत करेंगे और अपनी रणनीति तैयार करेंगे। संगठनों के बीच बैठक हो रही है।

इस बीच, अवॉर्ड वापसी का सिलसिला दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। लेखक डॉ. मोहनजीत, चिंतक डॉ. जसविंदर और पत्रकार स्वराजबीर ने अपने साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा दिए हैं। गुरुवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्मविभूषण अवॉर्ड लौटा दिया था। उनके अलावा राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींढसा ने अपना पद्मश्री वापस करने का ऐलान किया था।

केंद्र और किसानों के बीच चौथे दौर की बातचीत करीब 7 घंटे चली। बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को भरोसा दिलाया कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) को छुआ नहीं जाएगा। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। एक्ट के प्रावधानों में किसानों को सुरक्षा दी गई है। उनकी जमीन की लिखा-पढ़ी कोई नहीं कर सकता ।

किसानों ने कहा- मसला इकलौते MSP का नहीं, बल्कि कानून पूरी तरह वापस लेने का है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केवल एक नहीं, बल्कि कई मसलों पर बातचीत होनी चाहिए। केंद्र और किसानों के बीच अब पांचवें दौर की बातचीत 5 दिसंबर को होगी।

किसानों का रवैया ऐसा था कि बातचीत के दौरान लंच ब्रेक हुआ तो उन्होंने अपने साथ लाया खाना ही खाया। कहा- सरकार का चाय या खाना मंजूर नहीं। 1 दिसंबर की मीटिंग में भी किसानों को सरकार की तरफ से चाय ऑफर की गई तो उन्होंने कह दिया था कि चाय नहीं, मांगें पूरी कीजिए। आप धरनास्थल पर आइए, आपको जलेबी खिलाएंगे।