
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष का बड़ा बयान
नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा ने आरक्षण को वंचित वर्ग तक पहुंचाने पर जोर दिया है। उनका मानना है कि आरक्षण का यह फल अभी तक नीचे नहीं पहुंचा है, जब तक आरक्षण का लाभ नीचे के तबके तक नहीं पहुंचेगा, इसे लागू करने का कोई मतलब नहीं। इस दौरान उन्होंने जेल में सुधार पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि समाज के वंचित वर्गों के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के लिए कई उपाय किए गए हैं। अधिक सकारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट करने का समय आ गया है कि समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए उन वर्गों को भी आरक्षित श्रेणी के तहत आरक्षण मुहैया कराया जाए, जिन्हें अब तक यह सुविधा नहीं मिली है, क्योंकि आरक्षण का फायदा समाज के निचले तबके तक नहीं पहुंचा है।
अभी भी कुछ वर्गों के उत्थान के लिए आरक्षण की आवश्यकता
हालांकि, भारत में कई सामाजिक-आर्थिक कल्याणकारी योजनाएं हैं जिनके उत्थान के लिए अभी भी आरक्षण की आवश्यकता है। मिश्रा ने कई अन्य मानवाधिकारों से संबंधित मुद्दों को भी हरी झंडी दिखाई और इस बात पर जोर दिया कि सभी के लिए लैंगिक समानता और समानता महत्वपूर्ण थी।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दी प्रतिक्रिया
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एनएचआरसी स्थापना दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर भारत ने न तो कभी विस्तारवाद पर विश्वास किया और न ही कभी इस पर अमल किया।
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