
जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर का वीडियो आया सामने
सीतामढ़ी। जेडीयू के नवनिर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने सीतामढ़ी में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वह मुसलमान और यादवों का कोई काम नहीं करेंगे। ठाकुर के इस भाषण का वीडियो भी सामने आया है। इसके बाद राजनीतिक गलियारों में बवाल हो गया है।
आएंगे तो चाय-नाश्ता करवाकर वापस लौटा दूंगा
बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव में इस समाज का वोट नहीं मिलने से देवेश चंद्र ठाकुर नाराज हैं। ठाकुुर ने मंच से कहा कि 22 साल से राजनीति में सक्रिय होने के दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा काम यादव और मुस्लिम समाज का किया। लेकिन चुनाव में इन लोगों ने बिना किसी कारण के उन्हें वोट नहीं किया। अगर इस समाज के लोग काम करने आते हैं तो चाय नाश्ता जरूर कराएंगे लेकिन उनका काम नहीं करेंगे। जिनको आना है आए चाय नाश्ता करें और जाए, मदद की उम्मीद नहीं करें। सीतामढ़ी से देवेश चंद्र ठाकुर ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है।
लालू ने सात लोगों को टिकट दिया तो कुशवाहा समाज के वोट कट गए
देवेशचंद्र ठाकुर ने कहा कि कुशवाहा समाज का वोट अचानक कट गया। यह सब तो एनडीए का वोट था। आखिर क्यों कट गया। कुशवाहा समाज के लोग केवल इसलिए खुश हो गए कि लालू प्रसाद ने इस समाज के सात लोगों को टिकट दे दिया था। एनडीए के वोटों में से कितना चीरहरण हुआ। इसका कोई भी उचित कारण नहीं है। सुरी और कलवार समाज का आधा से अधिक वोट कट गया, क्या कारण है बताइए?
मैं भी कह दूं, काम के लिए भी उन्हीं के पास जाइए: देवेश चंद्र ठाकुर
देवेशचंद्र ठाकुर ने कहा कि अगर कह दूं कि कुशवाहा समाज के लोग अपना काम कराने के लिए लालू प्रसाद के सात कुशवाहा उम्मीदवारों के पास जाएं तो कैसा लगेगा। देवेशचंद्र ठाकुर ने कहा कि मेरे पास एक मुस्लिम समाज के शख्स कुछ काम कराने के लिए आए थे, लेकिन हमने स्पष्ट कह दिया कि आप पहली बार आये हैं. इसलिए मैं कुछ ज्यादा नहीं कहूंगा. वरना मैं छोड़ता नहीं हूं. आपने वोट तो लालटेन को दिया होगा, तो उस शख्स ने कबूल भी कर लिया.
जब आपको तीर में मोदी का चेहरा दिखा तो मैं क्यों नहीं आप में लालू का चेहरा देखूं
उसके जवाब में श्री ठाकुर ने कहा कि आए हैं तो चाय नाश्ता कीजिए और चलते बनिए. आपका काम नहीं करेंगे. जब तीर में आपको नरेंद्र मोदी का चेहरा दिखा तो मैं क्यों नहीं आपके चेहरे में लालटेन या लालूजी का चेहरा देखूं और आपका काम क्यों करूं? यादव और मुसलमानों का मेरे दरवाजे पर स्वागत है, आएं बैठे और चाय नाश्ता करे लेकिन काम की बात नहीं करें, उनका काम मैं नहीं करूंगा।
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