
जयपुर। भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमणा ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा संसदीय लोकतंत्र है। लोकतंत्र में न्यायपालिका की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। आजादी के 75 सालों में आमजन की आकांक्षाओं और सच्चाई के बीच सेतु का काम करते हुए न्यायपालिका ने प्रगतिशील कानूनों और नीतियों के फलस्वरूप भारत के विकास और परिवर्तन की कहानी लिखी है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हमारी पहचान परिभाषित करता है, हमारी स्वतंत्रता, अधिकार और कर्तव्य निर्धारित करता है। उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र बहुलता को संरक्षित करता है। लोकतंत्र की सफलता जनता के विश्वास और भागीदारी में ही निहित है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमणा राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के तत्वावधान में आयोजित संसदीय लोकतंत्र के 75 वर्ष विषयक सेमिनार के मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। साथ ही रमणा ने शनिवार को राजस्थान विधानसभा में राजस्थान की गौरवमयी गाथा, राजनैतिक अतीत और वर्तमान राजस्थान और उसकी संरचना को प्रदर्शित करने वाले डिजिटल संग्रहालय राजनैतिक आख्यान का लोकार्पण किया। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमणा, विधान सभा अध्यक्ष डा. सी.पी. जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व अन्य विशिष्ट अतिथियों ने संग्रहालय का अवलोकन किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष एवं राष्ट्रमंडल संसदीय संघ, राजस्थान शाखा के अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी ने संविधान की प्रस्तावना का उल्लेख करते हुए कहा कि संसदीय लोकतंत्र के तीनों भाग विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका प्रत्यक्ष रूप से जनता के प्रति उत्तरदायी हैं। जहां विधायिका और कार्यपालिका का काम नीति निर्माण है, वहीं न्यायपालिका नीतियों का पालन कराने में अहम है। उन्होंने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका के प्रति उत्तरदायी है और कार्यपालिका जनता के प्रति उत्तरदायी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोकतांत्रिक व्यवस्था के तीनों अंगों ने कहीं न कहीं लक्ष्मण रेखा पार करने की कोशिश की है। उन्होंने विधान सभाओं को 150 से कम दिवस चलने पर गहरी चिन्ता जाहिर की। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में उल्लेख है कि हमने 75 वर्षो में क्या पाया और आगे क्या प्राप्त करना है। सामाजिक तकनीकी का इन्टरवेंशन बढ़ने से नई चुनौतियां आ रही है, जो गंभीर है। उन्होंने विश्वास जताया कि चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए हमारा देश सक्षम है। हम सभी को मिल-जुल कर आगे बढकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के तीनों ही अंग एक साथ मिलकर नीति निर्माण करें और जनता के प्रति उत्तरदायित्व का निर्वहन करें।
ऐसा है राजनैतिक आख्यान संग्रहालय
देश के गुलाबी नगर जयपुर के विधानसभा भवन की ऊपरी व निचली भूतल में स्थित 21 हजार स्क्वायर फीट में बना यह विशाल संग्रहालय अत्याधुनिक तकनीकी माध्यमों से राजस्थान की गौरवमय गाथा और राजनीतिक आख्यानों को प्रस्तुत करता है। संग्रहालय में आम नागरिक वर्तमान राजस्थान व उसकी संरचना, राज्य के निर्माण में सहभागी रहे जन नेताओं और निर्माताओं के योगदान को देख सकेंगे। साथ ही कलात्मकता और आधुनिकता के पर्याय इस संग्रहालय में विधानसभा की कार्यप्रणाली और विभिन्न प्रक्रियाएं, राजस्थान के मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष, निर्वाचन क्षेत्र और विधायक गणों के बारे में जानकारी भी प्रदर्शित की गई है। मंत्रिमंडल विपक्ष के नेता और अन्य नेताओं की भूमिका को प्रदर्शित करता यह संग्रहालय पूरे देश में अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
डिजिटल म्यूजियम में आगंतुक अत्याधुनिक तकनीकी माध्यमों से लोकतंत्र विधानसभा के कार्य और प्रशासन प्रणाली तथा सामान्य नागरिक से जनता के सर्वोच्च प्रतिनिधि तक की यात्रा का सफर देख सकेंगे। 40 से अधिक इंस्टॉलेशन और विभिन्न टेक्नोलॉजी से सुसज्जित यह डिजिटल म्यूजियम नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का सतत स्रोत होगा। डिजिटल संग्रहालय में आधुनिकतम तकनीकों का प्रयोग किया गया है।