
जयपुर संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा एवं पांच जिलों के जिला कलक्टर, एडीएम, एसडीएम, सीईओ, बीडीओ व ब्लाक एवं जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा शुक्रवार को संभाग के प्रन्द्रह हजार 30 कार्यालयों का पर्यवेक्षणीय विजिट किया गया।
जिसके अंतर्गत अलवर के 3676, दौसा के 1667, जयपुर के 4256, झुंझुनूं के 2456 एवं सीकर के 2513 कार्यालयों का पर्यवेक्षणीय विजिट विभिन्न टीमों द्वारा किया गया।
संभागीय आयुक्त कार्यालय की 12 सदस्यीय टीम व विभिन्न विभागों के 1000 से अधिक अधिकारियों द्वारा किये गये पर्यवेक्षणीय विजिट का उद्देश्य राजकीय कार्यालयों की स्थिति में व कार्य निस्तारण में और लोक सेवाओं की प्रदायगी में उल्लेखनीय सुधार परिलक्षित करना है।
निरीक्षण के दौरान टीमों द्वारा कार्यालयों में उपलब्ध कराये जाने वाली सेवाओं की सूची दर्शाने वाले बोर्ड, कार्यालय खुलने व बंद होने का समय, कार्यालय पद्धति व राजकार्य निस्तारण में सुधार, योजनाओं की धरातल पर क्रियान्विति की समीक्षा हेतु लाभार्थियों को सेवाओं की प्राप्ति का भौतिक सत्यापन, परिचय पत्र व यूनिफॉर्म, दो कॉलम वाले उपस्थिति रजिस्टर का संधारण आदि का निरीक्षण किया गया।

इसके अन्तर्गत जयपुर संभाग के 6603 विद्यालयों का निरीक्षण किया वहीं 1096 आयुर्वेद औषधालयों, 772 किसान सेवा केन्द्रों, 32 परिवहन कार्यालय, 483 आंगनबाड़ी केन्द्र सहित विभिन्न कार्यालयों का पर्यवेक्षणीय विजिट किया गया।
संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने सर्वप्रथम अजीतगढ़ के बाबा नारायणदास राजकीय अस्पताल का निरीक्षण किया जहां निरीक्षण के दौरान कई अव्यवस्थाएं उजागर हुई।
ग्रामीणों ने भी अस्पताल पीएमओ डॉ. ओपी वर्मा की जमकर शिकायत की इस पर संभागीय आयुक्त ने अव्यस्थाओं पर नाराजगी जताते हुये अस्पताल में संस्थागत प्रसव, ओपीडी, ऑपरेशन आदि की जानकारी मांगी।
शर्मा ने कहा कि लापरवाही बदर्शस्त नहीं की जायेगी उन्होंने एसडीएम को पीएमओ को कारण बताओं नोटिस जारी कर तीन दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिये। सीएमएचओ द्वारा नियम विरूद्ध किये गये डेपूटेशन को भी रद्द करने की भी बात कही।