संभाग समन्वयकों ने ली अलग-अलग बैठक, भाजपा में बढ़ी गुटबाजी

बैठक
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चित्तौड़गढ़। विधानसभा चुनाव के बाद चित्तौड़गढ़ जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में खींचतान बढ़ी है। इसका ज्यादा असर जिला मुख्यालय पर है। मुख्यालय पर बेपटरी हुई भाजपा के फिर से पटरी पर आने को तैयार नहीं है। इसके पीछे कार्यकर्ताओं की मंशा ही है। गुटबाजी की बानगी ऑपरेशन सिंदूर और आगामी दिनों में निकलने वाली तिरंगा यात्रा को लेकर हुई बैठक में भी दिखी।

तिरंगा यात्रा के लिए संभाग समन्वयक के रूप ने राजसमंद विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी को नियुक्त किया है। ऐसे में शनिवार को पहली बार इस मामले में बैठक लेने पहुंची राजसमंद विधायक के सामने ही गुटबाजी खुल कर सामने आई। राजसमंद विधायक को दो अलग बैठक लेनी पड़ी। एक बैठक विधायक चंद्रभानसिंह आक्या और उनके समर्थकों के साथ तो दूसरी बैठक सांसद जन सुनवाई केंद्र पर ली। इन दोनों ही बैठक में राजसमंद विधायक के साथ चित्तौड़गढ़ भाजपा जिलाध्यक्ष रतन गाडरी भी मौजूद रहे।

ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जो गुटबाजी और खींचतान विधानसभा चुनाव से शुरू हुई वो खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इसका असर कहीं ना कहीं भाजपा के आम कार्यकर्ताओं और चित्तौड़गढ़ के विकास पर भी पड़ता दिख रहा है। लाख दावे कर लिए जाएं तो भी सांसद कुछ कार्यकताओं से ही गिरे हैं तो कमोबेश विधायक की भी यही स्थिति है। ऐसे में आम भाजपा कार्यकर्ता किसके पास अपने काम लेकर जाए।