आज आईटीआर कर दें वरना देनी पड़ सकती है मोटी फीस

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लग सकता है जुर्माना

अगर आप करदाता हैं और आपने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल किया है, तो इसे आज ही करें। दरअसल, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने का आज अंतिम दिन है। इसके बावजूद अगर आप आखिरी तारीख तक भी ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो आयकर प्रावधानों के मुताबिक आपके ऊपर जुर्माना लग सकता है और आपको नोटिस भी आ सकता है।

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 5.89 करोड़ आईटीआर दाखिल हुए थे। हालांकि, तब इसकी सीमा 21 दिसंबर तक बढ़ाई गई थी। ऐसे में अगर आप यह मानकर चल रहे हैं कि आयकर विभाग फिर से टैक्सपेयर को कुछ छूट देगा, तो आप गलत हो सकते हैं। इनकम टैक्स की ओर से ट्वीट कर कहा गया है कि 30 जुलाई 2022 तक 5 करोड़ से अधिक लोग अपना आईटीआर फाइल कर चुके थे।असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2022 है। ऐसे में अगर अगर आपने अभी तक अपना आईटीआर दाखिल नहीं किया है, तो तुरंत करें और लेट फीस से बचें’। इस ट्वीट से लगभग यह साफ हो जाता है कि इस बार आयकर विभाग कोई छूट या तारीख आगे बढ़ाने नहीं जा रहा है।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी

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अगर आप करदाता हैं, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी हो जाता है। लेकिन अगर आप आखिरी तारीख तक भी ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो आयकर प्रावधानों के मुताबिक आपके ऊपर जुर्माना लग सकता है। वहीं, आपको नोटिस भी आ सकता है।
इनकम टैक्स के तहत आने वाले कई प्रावधानों के तहत टैक्स डिडक्शन की सुविधा मिलती है पर इनमें सबसे ज्यादा प्रचलित है 80 सी। इसका फायदा नौकरीपेशा लोगों को सबसे अधिक मिलता है। इसके अलावे इसके उपसेक्शन 80 सीसीडी (1बी) के तहत होम लोन, एजुकेशन लोन और बीमा पॉलिसी टैक्स बचाने में आपकी मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं टैक्स बचाने के लिए हमें अपनी रणनीति कैसे बनानी चाहिए।

स्टैंडर्ड डिडक्शन (5 लाख रुपए)

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सबसे पहले इस बात की जानकारी होनी जरूरी है कि इनकम टैक्स के सेक्शन 87 ए के तहत पांच लाख रुपये तक की आय पर किसी तरह की टैक्स की देनदारी नहीं होती है। ऐसे में अगर आपकी आमदनी 10 लाख रुपये है तो सबसे पहले तो 87ए की तहत मिलने वाली राहत के अनुसार दस लाख में से पांच लाख रुपये घटाएं तो आप पर टैक्स की देनदारी पांच लाख रुपये की आमदनी पर ही बनेगी। इसके अलावे नौकरीपेशा लोगों और पेंशनधारकों को 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा मिलती है। इस आधार पर 50 हजार रुपये और घट जाते हैं और आप पर टैक्स की देनदारी 4.5 लाख रुपये की आमदनी के लिए बनती है।

80सी डिडक्शन (1.5 लाख रुपये)

इनकम टैक्स कानून की धारा 80सी के तहत सालाना डेढ़ लाख रुपये तक की निवेश पर आयकर में छूट का लाभ लिया जा सकता है। 80सी के तहत आयकर में छूट लेने की स्थिति में 4.5 लाख रुपये में से 1.5 लाख रुपये और घट जाएंगे इस तरह आप पर महज तीन लाख रुपये की आमदनी पर टैक्स की देनदारी बचेगी। 80सी के तहत पांच वर्ष से अधिक समय के लिए किए गए किसी भी तरह निवेश पर आपको आयकर में छूट की सुविधा मिल सकती है।

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