
गर्भावस्था का समय जहां कई मायनों में महिलाओं के लिए खास होता है, तो वहीं कुछ मामलों में चुनौतिपूर्ण भी। इस दौरान, शरीर में होने वाले बदलावों के चलते महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसमें से एक है पेट पर खुजली होना, इसे चिकित्सकीय भाषा में प्रुरिटस ग्रेविडारम के नाम से जाना जाता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं। एस्ट्रोजन लेवल बढऩे से स्किन की सेंसिटिविटी बढ़ जाती है और इससे खुजली की समस्या हो सकती है। तेज खुजली जलन की भी वजह बन सकती है। प्रिगनेंसी में खुजली
क्यों होती है प्रेग्नेंसी में खुजली की समस्या?

प्रुरिटिक अर्टिकेरियल पैपुल्स एंड प्लेक ऑफ प्रेगनेंसी जैसे-जैसे शिशु का विकास होता है, पेट के आसपास की त्वचा खिंचने लगती है जिससे खुजली की प्रॉब्लम हो सकती है। गर्भावस्था में खुजली की और भी कई वजहें हैं, जैसे की प्रुरिटिक अर्टिकेरियल पैपुल्स एंड प्लेक ऑफ प्रेगनेंसी इसमें स्किन के रेडनेस बढऩे लगती है, खुजली वाले धब्बे और बड़े पैच दिखाई देने लगते हैं, जो धीरे-धीरे शरीर के दूसरों अंगों में फैल भी सकते हैं। आमतौर पर सातवें महीने में ये प्रॉब्लम शुरू होती है और डिलीवरी के बाद खुद ही खत्म भी हो जाती है।
कोलेस्टेसिस
कोलेस्टेसिस की प्रॉब्लम में लीवर में पित्त इक_ा होने लगता है। जिस वजह से हाथ, पैर के तलवों में तेज खुजली, आंखों में पीलापन और पीलिया होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। कोलेस्टेसिस को इग्नोर करना मां और बच्चे दोनों के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
एटोपिक इरप्शन ऑफ प्रेग्नेंसी

एटोपिक इरप्शन ऑफ प्रेग्नेंसी इसमें कई तरह की स्किन प्रॉब्लम्स हो सकती है, जिनमें एक्जिमा भी शामिल है, जो गर्भावस्था के दौरान और बुरी हो जाती है। अगर आपको कभी भी गंभीर या लगातार खुजली हो, तो बिना ज्यादा देर किए डॉक्टर से सलाह लें, जिससे खुजली की समस्या को गंभीर स्थिति में पहुंचने से रोका जा सके। गर्भावस्था के दौरान खुजली होना एक बहुत ही आम लक्षण है। इस वजह से कई बार इस पर ध्यान नहीं जाता। हालांकि ज्यादातर मामलमों में स्किन को मॉयश्चराइज कर काफी हद तक इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में खुजली की समस्या दूर करने के उपाय
प्रेग्नेंसी में होने वाली खुजली को कम करने के लिए त्वचा को मॉइश्चराइज रखना बहुत ही जरूरी है। इससे स्किन हाइड्रेट रहती है, जिससे खुजली नहीं होती।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, इससे भी त्वचा अंदर से हाइड्रेट रहती है।
खुजली से होने वाली जलन से बचने के लिए केमिकल और सुगंधरहित प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।
हार्ड साबुन और गर्म पानी का कम से कम इस्तेमाल करें।
आरामदायक और ढीले-ढाले कपड़े पहनें।
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