बच्चों को मिट्टी में खेलने से ना रोकें, मैदान में खेलने से बच्चों को मिलते हैं ये फायदे

बच्चों के मिट्टी में खेलने के फायदे
बच्चों के मिट्टी में खेलने के फायदे

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को अपने लिए तक समय नहीं मिल पा रहा है। लोग अपने परिवार के लिए भी टाइम नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में बच्चों का भी विकास ठीक ढंग से नहीं हो रहा है। अमीरों के बच्चों की जिम्मेदारी तो ज्यादातर दाई मां के हाथों में होती है। वे बाहर खेलने की उम्र में मोबाइल पर समय देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि बच्चे के शारीरिक, मानसिक और व्यक्तिगत रूप से विकास के लिए बाहर खेलना बेहद जरूरी होता है। दरअसल, खुले मैदान में खेलने से बच्चों का विकास तेजी से होता है। इससे वे अंदर से मजबूत बनते हैं। उनका शरीर कई बीमार?ियों से लडऩे में सक्षम होता है। आज हम आपको बहार खेलने से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।

तनाव करता है दूर

तनाव
तनाव

शाम के समय बाहर खेलने से बच्चों के दिमाग का विकास होता है। थकान भी दूर होती है। दरअसल खेलते समय हमारा दिमाग खुश रहने वाले हार्मोन (जैसे डोपामिन और एंडॉर्फिन) बनाता है, जिससे मूड अच्छा होता है और चिंता कम हो जाती है।

सेहत बनती है मजबूत

शारीरिक खेल जैसे फुटबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन या दौडऩे से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे बच्चों के शरीर की हड्डियां भी मजबूत होती हैं। मसल्स एक्टिव होते हैं। कुल मिलाकर बाहर खेलने से बच्चों की इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है। बच्चों को तो बाहर खेलना ही चाहिए, लेकिन जब भी बड़ों को समय मिले, वे भी ऐसा कर सकते हैं। इससे उन्हें भी कई फायदे मिलेंगे।

नींद आती है अच्छी

अगर आपका बच्चा समय से न तो सो रहा है और न उठ रहा है तो आपको उसे बाहर खेलने के लिए जरूर भेजना चाहिए। इससे समय पर उसे नींद भी आ जाएगी। सुबह वह टाइम पर उठ भी पाएगा। दरअसल खेलने से शरीर थकता है और दिमाग शांत होता है, जिससे रात को गहरी नींद आती है। शाम को थोड़ा खेलना ही बच्?चों को कई बड़े फायदे दे सकता है।

पढ़ाई में आता है फोकस

बच्चों और स्टूडेंट्स के लिए शाम को खेलना तो बहुत जरूरी होता है। इससे उनकी एकाग्रता बढ़ती है। दिमाग भी तेज होता है और पढ़ाई में मन लगता है। कुल मिलाकर खेल उनके मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी होता है।

नए दोस्त बनते हैं

जब आपका बच्चा बाहर खेलने के लिएए जाता है तो इससे उसकी सोशल लाइफ बेहतर हो सकती है। आपके बच्चे के नए दोस्त बनते हैं। इससे उन्हें खुशी तो मिलती ही है, लेकिन वो कुछ न कुछ नया भी सीखते हैं। इससे उनका अकेलापन भी दूर हो सकता है। आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

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