
नई दिल्ली। कार खरीदने के साथ ही कई बार कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी आती है कार को स्टार्ट करने में और यदि आपने पहली बार कार खरीदी है तो यह परेशानी आपको और ज्यादा सता सकती है। उसमें भी बैटरी वाली कार के लिए। कार नई हो या फिर पुरानी, इसमें समय-समय पर कई छोटी-बड़ी दिक्कतें होती ही रहती हैं। अपने इस लेख में हम इनमें से ही एक समस्या के बारे में बात करने जा रहे हैं। जब हम ज्यादा समय तक कार को पार्क करके छोड़ देते हैं या फिर उसकी लाइट या कोई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण खुला छूट जाता है तो बैटरी पूरी तरह से ड्रेन हो जाती है। ऐसे में कार को स्टार्ट करना काफी मुश्किल काम होता है। आइए जानते हैं कि अगर इस समस्या से कभी दो-चार होना पड़े तो समाधान क्या होगा।
ऐसे में क्या करें
बैटरी ड्रेन होने के पीछे दो कारण हो सकते हैं। पहला कारण है कि कार की लाइट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चलते हुए छोड़ देने की वजह से बैटरी का डिस्चार्ज हो जाना, वहीं इसका दूसरा कारण है बैटरी ही खराब हो जाना। अगर कार की बैटरी खराब जो गई है तो जम्प स्टार्ट की जगह इसे बदलना ही ज्यादा सही रहेगा। ऐसा नहीं करेंगे तो आपको इस समस्या से रोज दो-चार होना पड़ सकता है।
जम्प स्टार्ट है समाधान
अगर कार की बैटरी किसी भी कारण से पूरी तरह ड्रेन हो जाती है तो ऐसे में कार को गाड़ी को चालू करने लिए जम्प स्टार्ट सबसे आसान तरीका है। अब सवाल ये उठता है कि कार को जम्प स्टार्ट कैसे करें। इसके लिए सबसे पहले आपको एक चाज्र्ड बैटरी या फिर दूसरी कार की जरूरत पड़ेगी। अब आप नीचे दिए गए स्टेप्स की मदद से आप अपनी कार को जंप स्टार्ट कर सकते हैं।
बैटरी के टर्मिनल का ध्यान
हमने यह कई बार देखा है कि जब आप किसी लोकल जगह से गाड़ी की सर्विस कराते हैं तो मैकेनिक हमेश बैटरी के टर्मिनल पर ग्रीस का प्रयोग करते हैं। लेकिन याद रहे टर्मिनल पर ग्रीस लगाने से बैटरी खराब हो सकती है। इसलिए ग्रीस की जगह पैट्रोलियम जैली या फिर वैसलीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। याद रखें हमेशा बैटरी टर्मिनल को साफ रखें।
बैटरी की भी करें हिफाजत : जमा एसिड को हटायें

हफ्ते में एक बार बैटरी की जांच जरूर करें, इतना ही नहीं हफ्ते में एक बार बैटरी टर्मिनल के पास जमा एसिड को साफ जरूर करना चाइये। याद रखिये कार में बैटरी ही ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। अगर बैटरी मेंटेनेंस फ्री नहीं है और उसमें पानी डालता है तो बैटरी के पानी के स्तर को नियमित रूप से चेक करें।
बैटरी बदलने का सही समय
आजकल जितनी भी बैटरी आ रही हैं उनपर कंपनी 48 महीने की वारंटी देती है लेकिन अक्सर देखने में आता है की बैटरी 2 साल के भीतर ही खराब हो जाती है। और फिर बार-बार परेशान करने लगती है। अगर आपके साथ भी ऐसा ही कुह होता है तो आप बैटरी बदल लें
सर्विस
अगर आपकी कार चलते-चलते हीट हो जाए तो याद रखिये इसका असर कार की बैटरी पर भी पड़ता है। ऐसे में कार की बैटरी का पानी जल्दी सूख जाता है। इससे बैटरी जल्दी ऑक्सीडाइज्ड हो जाती है। इसलिए समय-समय पर इंजन की देखभाल बेहद जरूरी है।
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