क्या आप जानते हैं एक दिन में कितना खाना हेल्दी, आईसीएमआर ने शेयर की गाइडलाइन

खान-पान
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आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में लोगों के पास खुद की हेल्थ पर ध्यान देने तक का समय नहीं होता। अच्छा खानपान हो या वर्कआउट लोग अपनी बिजी लाइफ के चलते अपने शरीर का ध्यान रखना भूल गए हैं। ऐसे में आईसीएमआर ने भारतीयों के लिए रिवाइज्ड डाइट गाइडलाइन्स जारी की हैं। इनमें प्रोटीन सप्लीमेंट से बचने की सलाह दी गई है। इसके अलावा इस गाइडलाइन्स में हमारे खान-पान से जुड़ी कई जरूरी बातें भी साझा की हैं।

आईसीएमआर ने शेयर की डाइट गाइडलाइन्स

आईसीएमआर
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हैदराबाद स्थित नेशलन इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन ने आवश्यक पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करने और गैर-संचारी रोगों यानी नॉन- कम्युनिकेबल डिजीज को रोकने के लिए भारतीयों के लिए डाइट गाइडलाइन्स (डीजीआई) जारी की हैं। डीजीआई का मसौदा आईसीएमआर-एनआईएन के निदेशक डॉ. हेमलता आर के लीड में विशेषज्ञों की समिति द्वारा तैयार किया गया है और यह कई वैज्ञानिक समीक्षाओं से गुजरा है। इसमें 17 गाइडलाइन्स लिस्टेड की गई हैं। आइए जानते हैं क्या कहती है ढ्ढष्टरूक्र की गाइडलाइन्स

प्रोटीन पाउडर के सेवन पर रोक

प्रोटीन पाउडर
प्रोटीन पाउडर

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बॉडी बिल्डिंग के लिए प्रोटीन की खुराक से परहेज करने पर जोर दिया है और नमक का सेवन सीमित करने, चीनी और प्रोसेस्ड फूड को कम करने और स्वस्थ भोजन बनाने के लिए फूड लेबल पर जानकारी पढऩे की सिफारिश की है। डीजीआई में, एनआईएन ने कहा कि बड़ी मात्रा में लंबे समय तक प्रोटीन पाउडर लेने या हाई प्रोटीन कन्सनट्रेशन लेने से बोन मिनरल लॉस और किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।

सिर्फ 30 प्रतिशत फैट लेना जरूरी

इसमें यह भी कहा गया है कि डाइट में चीनी कुल एनर्जी इनटेक के 5 प्रतिशत से कम होनी चाहिए और बैलेंस्ड डाइट में अनाज और बाजरा से 45 प्रतिशत से अधिक कैलोरी और दालों, बीन्स और मीट से 15 प्रतिशत तक कैलोरी नहीं मिलनी चाहिए। बाकी कैलोरी नट्स, सब्जियों, फलों और दूध से अपनी डाइट में शामिल करें। गाइडलाइन्स में कहा गया है कि कुल फैट का सेवन 30 प्रतिशत एनर्जी से कम या उसके बराबर होना चाहिए।

ज्यादा अनाज खाने से होती है अमीनो एसिड की कमी

गाइडलाइन्स में कहा गया है कि दालों और मांस की सीमित उपलब्धता और ज्यादा लागत के कारण, भारतीय आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अनाज पर बहुत ज्यादा निर्भर है, जिसके कारण जरूरी मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (अमीनो एसिड और जरूरी फैटी एसिड) और सूक्ष्म पोषक तत्वों का सेवन कम होता है।

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