आप जानते हैं क्या है पोंगल पनाई, जिसके बिना अधूरा है चार दिवसीय पर्व

पोंगल
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पोंगल मुख्य रूप से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल में मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन से तमिल नववर्ष की शुरुआत होती है। इस पर्व पर गुड़, दूध, गन्ना, चावल और दाल का खास महत्व है। लोग इस मौके पर अपने-अपने घरों को सजाते हैं, पारंपरिक कपड़े पहनते हैं और इस दिन जानवरों की भी विशेष पूजा का विधान है। इसके साथ ही इस खास दिन पर एक स्पेशल रेसिपी तैयार की जाती है, जिसका नाम है पोंगल पिनाई।

इस दिन मिट्टी के नए बर्तन खरीदने का चलन है। इन्हीं में घर के आगे एक प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसमें दाल, चावल और गुड़ को पकाया जाता है। इसके बाद इसमें पकते हुए पकवान जब बाहर आने लगता है तो पोंगालो पोंगल कहा जाता है। ये इस पर्व को मनाने की एक रस्म का ही हिस्सा है। ऐसा माना जाता है कि पकवान का उबलकर बाहर छलक आना समृद्धि और संपन्नता की निशानी है। आइए जानते हैं इसे बनाने की विधि।

पोंगल पिनाई बनाने की विधि

पोंगल
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पोंगल पिनाई तैयार करने जा रहे हैं तो सबसे पहले एक बर्तन में चावल भीगने के लिए रख दें। अब एक पैन लें और इसमें आधा कप चना की दाल और एक कटोरी मूंग दाल डालकर रोस्ट कर लें। इसके बाद इसे भी चावलों के साथ भीगने के लिए रख दें। अब एक मिट्टी का बर्तन लेकर उसमें दूध को उबाल लें, जब ये उबलते उबलते बाहर आकर गिरने लगे तो इसमें चावल और दाल डाल दें और थोड़ा पकाएं। जब ये बाहर आता दिखे तो इसमें गुड़ डाल दें। इसके बाद जब गुड़ अच्छी तरह ये मिक्स हो जाए तो थोड़ी इलायची और ड्राई फ्रूट्स काटकर डालें और सुनहरे रंग के आने का वेट करें। बस अब कुछ नहीं करना इसे केले के पत्ते पर गर्मागर्म सर्व करें। तैयार है आपका पोंगल पनाई, वो भी ट्रेडिशनल तरीके से।

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