क्या आप जानते हैं हेपेटाइटिस बी या सी में कौनसा ज्यादा खतरनाक

हैपेटाइटस बी और सी में कौनसा सबसे ज्यादा खतरनाक
हैपेटाइटस बी और सी में कौनसा सबसे ज्यादा खतरनाक

स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है कि हमारा शरीर बीमारियों से लड़ऩे के लिए सशक्त बना रहे. लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो वैक्सीन होने के बावजूद कभी कभी शरीर के लिए जान का खतरा बन जाती है. इन्हीं में से एक है हेपेटाइटिस की बीमारी. हेपेटाइटिस दरअसल लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारी है और हर साल वैक्सीन उपलब्ध होने के बावजूद लाखों लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं. विश्व भर में आज हेपेटाइटिस दिवस मनाया जा रहा है और इस मौके पर आपको बता रहे हैं कि क्यों ये बीमारी जान का खतरा पैदा करती है और इसके लक्षण क्या क्या हो सकते हैं.

हेपेटाइटिस बी क्या है?

हेपेटाइटिस बी क्या है?
हेपेटाइटिस बी क्या है?

हेपेटाइटिस बी एक वायरल संक्रमण है, जो एक्यूट और क्रॉनिक लिवर डिजीज दोनों का कारण बन सकता है। यह घातक भी हो सकता है, क्योंकि इससे सिरोसिस और लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हेपेटाइटिस का यह प्रकार खून, लार, वजाइनल फ्लूइड और वीर्य जैसे तरल पदार्थ से फैल सकता है। नवजात शिशुओं को जन्म के समय इस संक्रमण से बचाने के लिए टीका दिया जाता है।

क्या है हेपेटाइटिस सी?

क्या है हेपेटाइटिस सी?
क्या है हेपेटाइटिस सी?

हेपेटाइटिस सी वायरस एक ब्लड बोर्न वायरस है और यह ब्लड ट्रांसफ्यूजन, इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन का दोबारा इस्तेमाल आदि से फैल सकता है। यह संक्रमित मां से उसके बच्चे में या यौन प्रक्रिया के कारण खून के संपर्क में आने से भी फैल सकता है।

हेपेटाइटिस बी और सी में क्या अंतर है?

हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी दोनों ही वायरल संक्रमण हैं, जो यौन संबंध या संक्रमित व्यक्ति के खून या शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलते हैं। कभी-कभी यह को- इन्फेक्शन भी हो सकता है। टीका होने के बावजूद, हेपेटाइटिस बी संक्रमण दुनिया भर में हेपेटाइटिस सी की तुलना में अधिक आम है। साथ ही हेपेटाइटिस बी वायरस हेपेटाइटिस सी की तुलना में लगभग 5-10 गुना अधिक संक्रामक है।

हेपेटाइटिस बी और सी, कौन ज्यादा खतरनाक?

हेपेटाइटिस बी ज्यादातर समय बिना किसी दवा के शरीर द्वारा साफ हो जाता है, लेकिन अगर यह पुराना हो जाता है, तो इसका कोई स्पष्ट इलाज नहीं है। वहीं, इसके विपरीत अगर बीमारी के शुरुआती चरण में हेपेटाइटिस सी का पता चल जाए, तो इसे एंटीवायरल दवाइयों से ठीक किया जा सकता है। हालांकि, दोनों ही वायरस लंबे समय में लिवर को नुकसान, सिरोसिस और लिवर कैंसर का कारण बन सकते हैं।

हेपेटाइटिस के लक्षण

  • कमजोरी और थकान
  • मतली और उल्टी
  • दाहिने ऊपरी पेट में दर्द
  • मिट्टी के रंग का मल
  • भूख न लगना और मल पतला होना
  • बुखार
  • त्वचा और आंखों का पीला पडऩा
  • शरीर पर खुजली होना
  • हेपेटाइटिस से कैसे बचाव करें
  • असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से बचें।
  • इंजेक्शन या सीरिंज एक-दूसरे के साथ कभी भी साझा न करें।
  • हमेशा रजिस्टर्ड डॉक्टर और अस्पताल से ही जांच या इलाज कराएं।
  • ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत पडऩे पर खून हमेशा रजिस्टर्ड ब्लड बैंक से ही खरीदें।
  • इस बात का ध्यान रखें कि दाढ़ी बनाने से पहले सैलून में उपकरणों को कीटाणुरहित किया जाए।
  • बिना रजिस्टर्ड विके्रताओं से टैटू बनवाने से बचें।
  • संक्रमण की संभावना को रोकने के लिए हेपेटाइटिस बी का टीका जरूर लगवाएं।
  • अपने लिवर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम करें।

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