ये योगासन करने से मिलेगा आर्थराइटिस के दर्द में आराम

आर्थराइटिस
आर्थराइटिस

आर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर के जोड़ो को नुकसान पहुंचने लगता है। इस बीमारी में जोड़ों के अलग-अलग हिस्सों में सूजन होने लगती है और इसकी वजह से उन हिस्सों में सूजन और दर्द की समस्या हो जाती है। आर्थराइटिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसे मैनेज जरूर किया जा सकता है, ताकि इसका दर्द नियंत्रित रहे और आपको अपने रोजमर्रा के जीवन में इसकी वजह से होने वाली तकलीफों का कम सामना करना पड़े। आर्थराइटिस के दर्द को नियंत्रित करने में योग भी काफी मददगार हो सकता है। आइए जानें कुछ ऐसे योगासन, जो आर्थराइटिस का दर्द कम करने में मददगार हो सकते हैं।

मलासन

मलासन
मलासन

मलासन ऐसा योगासन है, जो न केवल आपको जोड़ों के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे और भी कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इस आसन को करने के लिए अपने पैरों को खोलकर स्क्वैट करने की पोजिशन में बैठें और अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को हल्का-सा आगे की ओर झुकाएं। अब इसी पोजिशन में अपने हाथों की दोनों हथेलियों को सामने की ओर जोड़ें।

वीरभद्रासन

वीरभद्रासन
वीरभद्रासन

वीरभद्रासन जोड़ों के दर्द को दूर करने में काफी फायदेमंद होता है। इस आसन को करने के लिए अपने दोनों को पैरों के बीच कुछ दूरी बनाकर खड़े हो जाएं। इसके बाद अपने दाएं पैर को 90 डिग्री पर मोड़ें और अपने बाएं पैर को दाईं ओर हल्का-सा झुकाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथों को कंधों के बराबर उठाएं और हथेलियों को ऊपर की तरफ रखें। थोड़ी देर इस आसन में रहें और इसके बाद सीधे हो जाएं। इससे घुटनों के दर्द को कम करने में मदद मिलेगी और कंधे की मांसपेशियां भी मजबूत बनेगी।

त्रिकोणासन

इस आसन को करना बेहद आसान है और इससे आपकी बॉडी की स्ट्रेचिंग भी होती है। इस आसन को करने के लिए अपने पैरों के बीच थोड़ी दूरी बनाएं और अपने एक हाथ को नीचे की तरफ झुकाएं। इसके बाद अपने दाएं हाथ से अपने दाएं पैर के अंगूठे को छूएं और अपने बाएं हाथ को सीधा रखें। इस आसन को करते समय इस बात का ख्याल रखें कि आपका शरीर बगल की तरफ झुका हो, न की आगे या पीछे। थोड़ी देर इस आसन में रहे और इसके बाद अपने शरीर के दूसरी तरफ इस आसन को दोहराएं।

पश्चिमोत्तानासन

इस आसन को करने के लिए अपने पैरों को सीधा करके एक जगह बैठ जाएं। अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और अपने हाथों को ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे आगे की ओर झुकें। इस दौरान अपने घुटनों को सीधा रखें और पैर मुड़े न ऐसी कोशिश करें। अपने हाथों से अपने पैरों के अंगूठे को छूएं और इस आसन में कुछ समय तक रुकें। इसके बाद धीरे-धीरे सीधे हो जाएं।

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