गाड़ी की सुरक्षा वाहन खरीदने वाले मालिक के हाथ में होती है, ऐसे में जब कोई भी व्यक्ति गाड़ी खरीदना है तो उसके रखरखाव के लिए अनेकों चीजें लेता है। जिसमें से बम्पगार्ड भी शामिल है। लेकिन अचानक से यह बंपर गार्ड गाडिय़ों के आगे से हट गए यहीं,तो क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों हुआ? आखिर ऐसी क्या वजह थी जिसके कारण इस बंपर गार्ड को भारत में बैन कर दिया गया? इतना ही नहीं यदि आप अपनी गाड़ी में बंपर गार्ड को लगवा कर चलते हैं तो आपको बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है क्योंकि इसके लिए ट्रैफिक नियम के हिसाब से मोटा चालान तय किया गया है। दरअसल, बंपर गार्ड स्टील या लोहे का एक ऐसा गार्ड होता है जिसके जरिए वाहन मालिक अपनी गाडिय़ों की रक्षा करते हैं। यहां बंपर गार्ड आगे और पीछे की तरफ लगाए जाते थे, जिसके कारण गाड़ी हादसा होने से बच जाती थी लेकिन जब बाजार में एयर बैग का चलन आया तब से बंपर गार्ड को हटा दिया गया।बंपर गार्ड को हटाने की असल वजह यह है कि जहां पर बंपर गार्ड लगाया जाता है वहां पर अब एयरबैग का सेंसर मौजूद होता है, ऐसे में यदि वहां पर बंपर गार्ड लगाया जाएगा तो एयर बैग सेंसर काम नहीं करेगा। दुर्घटना के समय बंपर गार्ड की वजह से सेंसर काम नहीं किया तो गाड़ी में बैठे सभी यात्रियों को बड़ी परेशानी हो सकती है।
क्यों बैन हुआ बंपर गार्ड ?
दरअसल, बंपर गार्ड को जिस जगह पर लगाया जाता है वहां एयरबैग सेंसर लगा हुआ होता है। लोग गाड़ी का एक्सिडेंट होने पर ज्यादा नुकसान न हो इसलिए बंपर लगवाते हैं। हालांकि, वो भूल जाते हैं कि जिस जगह वह बंपर लगा रहे हैं वहां एयर बैग सेंसर लगा हुआ होता है और दुर्घटना की स्थिति में अगर सेंसर काम नहीं किया और एयरबैग नहीं खुला तो वाहन में बैठे यात्रियों की जान भी जा सकती है।
बंपर गार्ड के फायदे और नुकसान?
गाडिय़ों में आगे की तरफ लोहे या फिर स्टील के पहले बंपर गार्ड लगाए जाते थे, जो बंपर की हिफाजत के लिए सेफ्टी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। इसको लगभग अधिकतर वाहन मालिक अपनी गाडिय़ों के बंपर के ठीक आगे और गाड़ी के रियर में लगाते थे। उनका मानना था कि इससे गाड़ी जब भी हादसे का शिकार होती है तो सबसे पहले ये गार्ड उनकी हेल्प करती है। हालांकि जब से गाडिय़ों में एयरबैग अनिवार्य किया गया था, तब से ये गार्ड सेफ्टी के बजाय उल्टा दुर्घटना के दौरान नुकसान पहुंचाते हैं।
एयरबैग के फायदे
कार में टक्कर लगने से ठीक पहले एयरबैग अपने आप खुल जाता है। एयर बैग्स खुलने में एक सेकंड से भी कम समय लगाता है। एक्सीडेंट की स्थिति में सेंसर एक्टिव होता है और एयरबैग को खुलने की कमांड देता है और कमांड मिलते ही स्टेरिंग के नीचे मौजूद इन्फ्लेटर एक्टिव हो जाता है। इन्फ्लेटर सोडियम अज़ाइड के साथ मिलकर नाइट्रोजन गैस पैदा करता है। ये गैस एयरबैग में भर जाती है जिससे वह फूल जाता है। टक्कर लगने या गाड़ी के पलटने की स्तिथि में आपकी बॉडी झटका खाकर एयरबैग से टकराती है जिससे आप बच जातें हैं।
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