
बच्चों में मोटापा एक गंभीर समस्या है, जो खराब डाइट और लाइफस्टाइल की वजह से एक महामारी की तरह फैल रहा है। वल्र्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, साल 2016 में दुनियाभर में लगभग 4.1 करोड़ बच्चे, जिनकी आयु 5 वर्ष से कम थी, मोटापे से जूझ रहे थे। इन बच्चों में ज्यादातर शहरी इलाकों में रहने वाल बच्चे शामिल थे। मोटापे की वजह से बच्चों की सेहत को काफी नुकसान हो सकता है। आपको बता दें कि मोटापा कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों का रिस्क फैक्टर्स है, जिससे बचाव करने में ही भलाई है। मोटापे की वजह से बच्चे उन बीमारियों का आसानी से शिकार हो सकते हैं। लेकिन अच्छी बात है यह है कि मोटापे से बचा जा सकता है और इसे कम भी किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए लाइफस्टाइल में कई जरूरी बदलाव करने की जरूरत पड़ेगी। इस आर्टिकल में हम मोटापे की वजह से बच्चों में किन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, इस बारे में जानने की कोशिश करेंगे और कैसे इससे बचा जा सकता है, इस बारे में भी जानकारी हासिल करेंगे। आइए जानें। नहीं बढऩे दें बच्चों का मोटापा, हो सकते हैं इन खतरनाक बीमारियों के शिकार
मोटापे की वजह से किन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है?
दिल की बीमारियां

मोटापा दिल की बीमारियों का जोखिम कई गुणा बढ़ा देता है। मोटापे की वजह से ब्लड प्रेशर और सूजन बढऩे लगता है और ये दोनों ही फैक्टर्स दिल की बीमारियों को आमंत्रण देते हैं। साथ ही, मोटापे की वजह से कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ जाता है, जिसके कारण आर्टरीज ब्लॉक हो सकती हैं और हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसलिए मोटापे की वजह से बच्चों में दिल की बीमारियों का खतरा काफी अधिक होता है।
डायबिटीज

मोटापा डायबिटीज का एक बड़ा कारण है। जो बच्चे मोटापे की चपेट में होते हैं, उनमें डायबिटीज का खतरा काफी बढ़ जाता है। डायबिटीज में शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढऩे लगता है, जिसके कारण शरीर के अन्य अंग, जैसे आंखें, लिवर, किडनी, नव्र्स आदि को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही, मोटापे की वजह से सूजन भी बढ़ती है, जिसके कारण इंसुलिन सेंसिटिविटी प्रभावित होती है।
हड्डियों से जुड़ी परेशानियां
मोटापे की वजह से बच्चों के जोड़ों और हड्डियों पर काफी दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से आर्थराइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके कारण अक्सर चलन-फिरने में तकलीफ और हड्डियों में अकडऩ की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं, मोटापे के कारण विटामिन डी की कमी भी हो सकती है, जो हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी की वजह बन सकता है।
कैंसर का खतरा- मोटापा कई प्रकार के कैंसर का खतरा भी बढ़ाता है, जैसे- ब्रेस्ट कैंसर, कोलोन कैंसर और एंडोमेट्रियल कैंसर आदि।
स्लीप एपनिया- मोटापे के कारण गले के पास भी फैट बढ़ जाता है, जिसकी वजह से श्वांस नली से ठीक तरीके से हवा नहीं जा पाती है और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। यह समस्या सोते समय खासतौर से होती है, जिसे स्लीप एपनिया कहा जाता है।
हाइपरटेंशन- हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम भी मोटापे की वजह से बढ़ जाता है। इसलिए मोटापे से ग्रस्त बच्चों में हाइपरटेंशन का खतरा काफी बढ़ जाता है, जो डायबिटीज और हार्ट डिजीज का जोखिम बढ़ाने के साथ-साथ, उन्हें और गंभीर भी बना सकता है।
फैटी लिवर- मोटापा बच्चों में फैटी लिवर का खतरा भी बढ़ा देता है। दरअसल, मोटापे के कारण लिवर में फैट ज्यादा इक_ा होने लगता है। इस वजह से फैटी लिवर और इससे जुड़ी अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं।
इसलिए जरूरी है कि बच्चों को मोटापे से बचाया जाए और अगर वे ओवरवेट या मोटापे की श्रेणी में आते भी हैं, तो उनके लाइफस्टाइल में सुधार करके उनका वजन कम किया जाए।
कैसे करें मोटापे से बचाव?
बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें। कोशिश करें कि आपका बच्चा टीवी और कंप्यूटर के सामने कम समय बिताए और फिजिकल एक्टिविटीज करे।
उनकी डाइट का खास ख्याल रखें। इसके लिए उन्हें सब्जियां, फल, साबुत अनाज, दही आदि शामिल करें। इसके अलावा, उन्हें बाहर का जंक और प्रोसेस्ड फूड कम से कम खिलाएं और नमक व शुगर की मात्रा भी कम करें।
एक्सरसाइज करने की आदत डलवाएं। कोशिश करें कि आपका बच्चा रोज कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें। इसके लिए आप उन्हें जॉगिंग, रनिंग, स्विमिंग और योग आदि करवा सकते हैं। इससे उनकी स्ट्रेंथ भी बढ़ेगी।
अगर हेल्दी लाइफस्टाइल के बावजूद बच्चे का वजन कम नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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