
मां का दूध बच्चे के लिए किसी अमृत से कम नहीं होता। मां दूध के माध्यम से बच्चे को भरपूर पोषण देती है जो उसकी वृद्धि और विकास को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है। हर साल 120 से ज्यादा देश विश्व स्तनपान सप्ताह मनाते हैं। इस दिन का मकसद मां और बच्चे की सेहत को प्रोत्साहन देने के लिए स्तनपान के प्रति जागरूकता फैलाना और उसे सपोर्ट प्रदान करना है। इस दिन को वल्र्ड अलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन ने 1990 में उद्घाटन करते हुए 1992 से मनाना शुरू किया था।
क्रॉनिक बीमारियों से बचाव

मां का दूध बच्चे के लिए किसी सुरक्षा कचव से कम नहीं है। स्तनपान कराने से शिशुओं में अस्थमा, मोटापा, टाइप 1 डायबिटीज और सडन इन्फेंट डेथ सिंड्रोम (एसआईडीएस) का खतरा कम होता है। स्तनपान करने वाले शिशुओं को कान में संक्रमण और पेट में कीड़े होने की संभावना भी कम होती है।
इम्युनिटी मजबूत करें

मां का दूध एंटीबॉडी और इम्यून फैक्टर्स से भरपूर होता है, जिसकी वजह से शिशु का सांस, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी बीमारियों और संक्रमणों से बचाव होता है। पोषक तत्वों से भरपूर मां का दूध बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने में मदद करता है। साथ ही यह कान के संक्रमण, निमोनिया और दस्त जैसी बीमारियों के खतरे को कम करता है।
पाचन स्वास्थ्य बेहतर करें
मां का दूध पचाने में आसान होता है और इसकी संरचना बच्चे की बदलती जरूरतों के मुताबिक बदलती रहती है। इसमें एंजाइम होते हैं, जो पाचन में सहायता करते हैं और हेल्दी गट बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देते हैं, जो एक स्वस्थ पाचन तंत्र में योगदान कर कब्ज और पेट के दर्द जैसी स्थितियों के खतरे को कम करते हैं।
कैंसर से बचाएं
मां का दूध पीने वाले शिशुओं में लिंफोमा कैंसर की संभावना कम होती है। ऐसे में स्तनपान करते हुए जैसे-जैसे बच्चे की उम्र बढ़ती है, उनमें कई अन्य प्रकार के कैंसर होने की संभावनाएं भी कम होती जाती है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बच्चे को स्तनपान जरूर कराएं।
स्तनपान से मां को होते हैं ये फायदे
स्तनपान कराने से मां में स्तन और ओवेरियन कैंसर, टाइप 2 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम हो सकता है। स्तनपान से मां को भी स्वास्थ्य लाभ होता है।
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