डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व बैंक को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया

कोविड महामारी ने विघ्न उत्पन्न किया, लेकिन भविष्य के लिए अधिक लचीले और तैयार होने के लिए सीखने का अवसर दिया

नई दिल्ली, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व बैंक – अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठक 2020 को वर्चुअल माध्यम से आज संबोधित किया। इस बैठक का विषय था- ‘सभी के लिए मानव पूंजी के माध्यम से दक्षिण-पूर्वी देशों को जागरूक करना’ और ‘वैक्सीन तथा प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने की प्रणाली में निवेश’। महामारी के दौरान भारत की भूमिका पर बल देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘भारत की कार्रवाई की समग्रता ने हमें वर्तमान में महामारी के बेहतर प्रबंधन का अवसर दिया है।

कोविड महामारी ने हमारे सामान्य जीवन में विघ्न उत्पन्न किया, लेकिन भविष्य के लिए अधिक लचीले और तैयार बनने के लिए सीखने का अवसर भी दिया। यह प्रयास सभी पक्षों की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने कहा, ‘भारत अग्रसक्रिय, नियोजित और श्रेणीकृत कार्रवाई का पालन करता रहा है, जो कि संपूर्ण समाज और संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण पर आधारित है, जिससे वैश्विक महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का सामना किया गया। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि महामारी के बारे में विश्व को अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

इस दौरान भारत ने कोविड के प्रबंधन में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रत्येक पहलू का भरपूर उपयोग किया – आरोग्य सेतु ऐप और इतिहास की मदद से कलस्टरों की सर्विलांस और पहचान की गईं, आरटी पीसीआर ऐप से जांच की गई, फेसिलिटी ऐप से अस्पताल में दाखिल रोगियों की सूचना का प्रबंधन किया गया। ये सभी कार्य एक अकेले कोविड पोर्टल के उपयोग से ही संभव हुए। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल 170 मिलियन से अधिक भारतीय कर रहे हैं और यह ऐप विश्व में सबसे अधिक डाउनलोड किए जाने वाले ऐप में शामिल है।

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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने महामारी के साथ निपटने की भारत की तैयारियों पर विस्तृत ध्यानाकर्षित किया और सभी के लिए वाजिब स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘हमने आत्म निर्भर भारत अभियान के अंतर्गत भारत की जीडीपी के 10 प्रतिशत हिस्से के बराबर 272 अमरीकी बिलियन डॉलर के विशेष आर्थिक और व्यापक पैकेज की घोषणा की, जिसमें जन-स्वास्थ्य में निवेश बढ़ाना और भारत को भविष्य की महामारियों के लिए तैयार करने के लिए स्वास्थ्य सुधार करना शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के लिए सबसे बड़े फायदे की बात यह है कि हमारे पास मजबूत टीकाकरण कार्यक्रम का ढांचा है।