
दुबई/नई दिल्ली। विदेशों में रहने वाले अनिवासी राजस्थानियों के लिए काम करने वाली संस्था राजस्थान फाउंडेशन ने उत्कृष्ठ सामाजिक कार्यों के लिए डॉक्टर रोमित पुरोहित को अब्दुल कलाम भारत पुरस्कार अवॉर्ड मिलने पर बधाई दी है। मेड इन इंडिया स्वदेशी रनवे संस्था ने डॉक्टर रोमित को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया है।

गौरतलब है कि जोधपुर के मूल निवासी डॉ. रोमित दुबई में रहकर डॉक्टर पेशे के साथ सामाजिक कार्यों को बखूबी अंजाम दे रहे है, और लोगों की हर तरह से मदद कर रहे हैं। डॉक्टर रोमित ने कोविड जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई मैं बड़ा योगदान दिया। डॉ. रोमित ने कोविड के खिलाफ लड़ते हुए चिकित्सा क्षेत्र में फ्रंटलाइन वर्कर की भूमिका निभाई, साथ ही 10 भारतीय परिवारों को सुरक्षित उनके घर वापस भेजा।

उन्होंने वैश्विक महामारी के दौरान लिटिल इंडिया फाउंडेशन के द्वारा कैंप में रह रहे लगभग 100 मजदूरों को लगातार हर रोज तीन महीने तक भोजन मुहैय्या करवाया। लड़कियों की शिक्षा की दिशा में छांव संस्था द्वारा वे काम करते आए हैं, समाज को जागरूक करने के लिए समय समय पर सेमिनार और कैंप का आयोजन भी करते हैं। डॉ. रोमित एकमात्र ऐसे हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर हैं जो इस अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुए है।
विशेष और उत्कृष्ठ सामाजिक कार्यों के तहत 3 टियर के आधार पर उनका सिलेक्शन हुआ है। इसके अलावा लगातार पिछले कई वर्षों से दुबई सरकार द्वारा उन्हें एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है। वर्तमान में डॉ. रोमित DORI फाउंडेशन के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।विदेशों में रहने वाले अनिवासी राजस्थानियों के लिए काम करने वाली संस्था राजस्थान फाउंडेशन ने उत्कृष्ठ सामाजिक कार्यों के लिए डॉक्टर रोमित पुरोहित को अबदुल कलाम भारत अवॉर्ड मिलने पर बधाई दी है। मेड इन इंडिया स्वदेशी रनवे संस्था ने डॉक्टर रोमित को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया है। गौरतलब है कि जोधपुर के मूल निवासी डॉ. रोमित दुबई में रहकर डॉक्टर पेशे के साथ सामाजिक कार्यों को बखूबी अंजाम दे रहे है, और लोगों की हर तरह से मदद कर रहे हैं। डॉक्टर रोमित ने कोविड जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई मैं बड़ा योगदान दिया।
डॉ. रोमित ने कोविड के खिलाफ लड़ते हुए चिकित्सा क्षेत्र में फ्रंटलाइन वर्कर की भूमिका निभाई, साथ ही 10 भारतीय परिवारों को सुरक्षित उनके घर वापस भेजा। उन्होंने वैश्विक महामारी के दौरान लिटिल इंडिया फाउंडेशन के द्वारा कैंप में रह रहे लगभग 100 मजदूरों को लगातार हर रोज तीन महीने तक भोजन मुहैय्या करवाया। लड़कियों की शिक्षा की दिशा में छांव संस्था द्वारा वे काम करते आए हैं, समाज को जागरूक करने के लिए समय समय पर सेमिनार और कैंप का आयोजन भी करते हैं।
डॉ. रोमित एकमात्र ऐसे हेल्थकेयर फ्रंटलाइन वर्कर हैं जो इस अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुए है। विशेष और उत्कृष्ठ सामाजिक कार्यों के तहत 3 टियर के आधार पर उनका सिलेक्शन हुआ है। इसके अलावा लगातार पिछले कई वर्षों से दुबई सरकार द्वारा उन्हें एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है। वर्तमान में डॉ. रोमित DORI फाउंडेशन के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।