
मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में महिलाओं का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन फिर भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठता है: *क्यों अब तक महाराष्ट्र को कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं मिली?” यह सवाल उस समय और भी प्रासंगिक हो जाता है जब राज्य 64 साल पूरे कर चुका है। मौजूदा विधानसभा में कुल 288 विधायकों में से केवल 24 महिलाएं हैं, जो कि आंकड़े के अनुसार, 8-9 प्रतिशत से अधिक नहीं पहुंच पाईं।
महिलाओं का राजनीतिक प्रतिनिधित्व : संख्याओं के पीछे की कहानी
साल 2009 में केवल 11 महिला विधायकों का चुनाव होना, 2014 में 20 और 2019 में 24 तक पहुंचना, यह बताता है कि महिलाओं की राजनीति में भागीदारी का स्तर बेहद कम है। एक्सपर्ट इस स्थिति को पितृसत्तात्मक व्यवस्था से जोड़ते हैं, जो महिलाओं को राजनीतिक शक्ति से वंचित रखने का एक प्रमुख कारण है। वह कहते हैं, “महिला आरक्षण बिल तीन दशक से लटका है, जो दर्शाता है कि पुरुष नेता महिलाओं को सत्ता सौंपना नहीं चाहते।”