बाजार में आ गई है ड्रिंकेबल सनस्क्रीन, जानिए इसके फायदे और नुकसान

गर्मियों में धूप
गर्मियों में धूप

गर्मियों का मौसम आते ही स्किन टैनिंग, सनबर्न और झुलसने जैसी परेशानियां बढऩे लगती हैं। ऐसे में, सनस्क्रीन लगाना जरूरी हो जाता है, लेकिन कई लोगों को बार-बार इसे लगाने की झंझट पसंद नहीं होती। अगर आप भी उन्हीं लोगों में से हैं, तो एक नया ट्रेंड आपकी इस दिक्कत को हल कर सकता है- ‘ड्रिंकेबल सनस्क्रीन’ यानी पीने वाली सनस्क्रीन! सोचिए, अगर सिर्फ एक ड्रिंक पीने से आपकी स्किन ङ्क किरणों से सुरक्षित हो जाए तो? सुनने में यह किसी जादू से कम नहीं लगता, लेकिन मार्केट में कई कंपनियां ऐसे प्रोडक्ट लॉन्च कर रही हैं, जो दावा करती हैं कि सिर्फ इसे पी लेने से आपकी स्किन धूप से बच सकती है! लेकिन क्या वाकई यह उतनी ही असरदार है जितनी क्रीम या लोशन वाली सनस्क्रीन? क्या इसे लगाने की बजाय सिर्फ पीना काफी होगा? या फिर यह सिर्फ एक मार्केटिंग ट्रिक है? आइए, ड्रिंकेबल सनस्क्रीन की सच्चाई, फायदे और नुकसान को विस्तार से समझते हैं। बाजार में आ गई है ड्रिंकेबल सनस्क्रीन, जानिए इसके फायदे और नुकसान

क्या है ड्रिंकेबल सनस्क्रीन?

गर्मियों में धूप
गर्मियों में धूप

ड्रिंकेबल सनस्क्रीन असल में एक तरह का लिक्विड सप्लीमेंट है, जिसे पीने के बाद यह दावा किया जाता है कि यह आपकी स्किन को यूवी किरणों से बचाने का काम करता है। इसमें कुछ खास तरह के एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन्स और प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो स्किन के अंदरूनी स्तर पर असर डालकर धूप से सुरक्षा देने का काम करते हैं। कई कंपनियों के अनुसार, यह ड्रिंक पीने से शरीर के अंदर कुछ ऐसे तत्व एक्टिव हो जाते हैं, जो स्किन के लिए नेचुरल प्रोटेक्शन शील्ड बना सकते हैं। इसे पीने के बाद आपको धूप में सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि आपकी स्किन खुद ही यूवी किरणों से लडऩे में सक्षम हो जाती है।

ड्रिंकेबल सनस्क्रीन के फायदे

यूवी डैमेज से अंदरूनी सुरक्षा: इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन सी, ई जैसे तत्व स्किन को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं। इससे सनबर्न और एजिंग की समस्या कम हो सकती है।
सुपर ईजी टू यूज: इसे बस पीना होता है, जिससे बार-बार सनस्क्रीन लगाने की झंझट खत्म हो जाती है। अगर आपको सनस्क्रीन लगाना पसंद नहीं है, तो यह आपके लिए आसान विकल्प हो सकता है।
स्किन को हेल्दी बनाता है: यह सिर्फ धूप से बचाने का दावा नहीं करता, बल्कि स्किन को अंदर से हेल्दी और ग्लोइंग बनाने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद विटामिन ष्ट और कैरोटेनॉयड्स स्किन की क्वालिटी को सुधारते हैं।
वॉटरप्रूफ प्रोटेक्शन: नॉर्मल सनस्क्रीन पसीने या पानी में धुल सकती है, लेकिन इसे पीने के बाद कोई बाहरी परत नहीं बनती, इसलिए यह पसीने या तैराकी से खराब नहीं होती।
लॉन्ग-लास्टिंग इफेक्ट: कहा जाता है कि एक बार पीने के बाद इसका असर घंटों तक बना रहता है, जबकि क्रीम वाली सनस्क्रीन को बार-बार दोबारा लगाना पड़ता है।

ड्रिंकेबल सनस्क्रीन के नुकसान

100त्न प्रभावी नहीं: विशेषज्ञों का कहना है कि ड्रिंकेबल सनस्क्रीन अकेले ङ्क किरणों से सुरक्षा देने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसे सिर्फ एक सप्लीमेंट की तरह देखा जाना चाहिए, न कि सनस्क्रीन का विकल्प।
सीमित सुरक्षा: यह शरीर के अंदरूनी सिस्टम को मजबूत कर सकता है, लेकिन यह सीधे सूरज की हानिकारक किरणों को ब्लॉक नहीं करता। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप इसे पीकर धूप में निकलेंगे, तो आपकी स्किन को नुकसान हो सकता है।
साइंटिफिक प्रूफ की कमी: अब तक इस बात का कोई पुख्ता वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला है कि ड्रिंकेबल सनस्क्रीन अकेले ङ्क प्रोटेक्शन देने में उतना ही असरदार होता है, जितना नॉर्मल सनस्क्रीन।
महंगा ऑप्शन: यह आम सनस्क्रीन की तुलना में काफी महंगा हो सकता है। इसे रोजाना इस्तेमाल करना हर किसी के बजट में नहीं आ सकता।
इम्यून सिस्टम पर असर: कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत ज्यादा एंटीऑक्सिडेंट्स या सप्लीमेंट लेने से शरीर का नैचुरल इम्यून सिस्टम गड़बड़ा सकता है।

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