
जयपुर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने विधानसभा में कहा कि बजट 2023-24 में बहुमंजिला इमारतों में पेयजल कनेक्शन के लिए पॉलिसी की घोषणा की गई है। बजट पारित होने के बाद नवीन पॉलिसी का अनुमोदन कर इसे शीघ्र लागू किया जाएगा। डॉ. जोशी ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि बहुमंजिला इमारत में मांग के अनुरूप एक ही कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि पॉलिसी के तहत बहुमंजिला इमारत में पेयजल संबंध के लिए निर्माणकर्ता द्वारा आवेदन किया जाता है। विभाग द्वारा इमारत में नीचे केवल एक ही कनेक्शन जरूरत के अनुरूप दिया जाता है। बिल्डिंग में ऊपर तक पानी पहुंचाने के लिए निर्माणकर्ता द्वारा ही वितरण प्रणाली विकसित की जाती है।
उन्होंने कहा कि लाड़पुरा विधानसभा शहरी क्षेत्र के नए विकसित क्षेत्रों में उच्च जलाशयों का निर्माण कर पर्याप्त जल दबाव से पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित किया जाना प्रस्तावित है। यंहा में पेयजल आपूर्ति के लिए अमृत-2.0 योजना के तहत राशि आवंटन का निर्णय आवश्यकतानुसार विस्तृत डीपीआर बनाने के बाद ही किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विधान सभा क्षेत्र लाडपुरा के शहरी क्षेत्रों को सम्मिलित करते हुए कोटा नगर निगम उत्तर के 14 वार्ड तथा कोटा नगर निगम दक्षिण के 16 वार्ड में जहां भी विभाग की वितरण प्रणाली नहीं है, वहां अमृत-2.0 योजना के तहत वितरण तंत्र विकसित किया जाएगा।
डॉ. जोशी ने कहा कि वर्तमान में लाड़पुरा विधानसभा क्षेत्र में 47 बहुमंजिला इमारते हैं। इनमें से 6 में विभाग द्वारा जलापूर्ति की जा रही है। डॉ. जोशी ने कहा कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा बाह्य शुल्क राशि नहीं ली जाती है। यह नगरीय विकास के अन्तर्गत आती है। इससे पहले जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने विधायक कल्पना देवी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग द्वारा बहुमंजिला इमारतों के भवन मानचित्र अनुमोदन करते समय बाह्य विकास शुल्क (ई.डी.सी.) वसूल किये जाने का प्रावधान नहीं है। किन्तु योजना अनुमोदन/एकल पट्टा जारी किये जाने के समय राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी-2010 (10 हैक्टेयर से अधिक के बिन्दु संख्या 8.00 (4) / 10 हैक्टेयर तक की योजनाओं के बिन्दु संख्या 10.00 (4) ) के अनुसार सैक्टर रोड़, नाले का निर्माण, रोड लाइटिंग, वृक्षारोपण आदि कार्य योजना की परिधि में किये जाने हेतु संबंधित शहर की आबादी के अनुसार बाह्य विकास शुल्क (ई.डी.सी.) वसूल किये जाने का प्रावधान है।
डॉ. जोशी ने बताया कि नगरीय विकास, आवासन एवं स्वायत्त शासन विभाग के आदेश दिनांक 11 मई, 2011 व 11 अगस्त 2017 द्वारा बाह्य विकास शुल्क (ई.डी.सी.) की राशि 4 समान किस्तों में भी जमा कराये जाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि विधान सभा क्षेत्र लाडपुरा के शहरी क्षेत्र की जिन कॉलोनियों में पेयजल वितरण तंत्र विद्यमान है, उनमें निर्मित बहुमंजिला इमारतों में पेयजल आपूर्ति अन्तर्गत विकासकर्ता/ सोसायटी द्वारा जल सम्बन्ध हेतु की गई मांग एवं तकनीकी उपादेयता के आधार पर विभागीय परिपत्र 23 मार्च, 2012 में जारी दिशा-निर्देशानुसार जल सम्बन्ध जारी किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में विभागीय वितरण प्रणाली विकसित नहीं है, उन क्षेत्रों में पेयजल वितरण तंत्र अमृत-2.0 योजनान्तर्गत विकसित किया जाना प्रस्तावित है। विधान सभा लाडपुरा के शहरी क्षेत्रों को सम्मिलित करते हुए कोटा नगर निगम उत्तर व कोटा नगर निगम दक्षिण हेतु अमृत-2.0 योजना के तहत क्रमश: राशि रूपये 175 करोड़ व 220 करोड़ राज्य स्तरीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति की अभिशंषा पर आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की अमृत योजना की एपेक्स कमेटी की बैठक दिनांक 04 जनवरी, 2023 द्वारा अनुमोदन किया जा चुका है । नगर विकास न्यास कोटा द्वारा उक्त स्वीकृति के अन्तर्गत डी.पी.आर. में योजना क्षेत्र का निर्धारण कर पेयजल कार्य नगर विकास न्यास, कोटा द्वारा करवाये जायेंगे ।