
छात्रवृत्ति घोटाले में जांच कमेटी की प्रारंभिक रिपोर्ट भी आई सामने
- जलतेदीप, जयपुर। मुख्यमंत्री कार्यालय को मिले शिकायती पत्र के बाद छात्रवृत्ति घोटाले में ब्लैकलिस्ट हुए निजी विश्वविद्यालयों का मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। इस घोटाले में जांच के बाद सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग ने एक दिसम्बर, 2023 को दो और 27 दिसंबर, 2023 को 7 निजी विश्वविद्यालयों और 33 आईटीआई संस्थानों को ब्लैकलिस्ट किया था। इन सभी 9 निजी विश्वविद्यालयों को लेकर एक जांच कमेटी बनी, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट भी आ गई है। फिलहाल इन विश्वविद्यालयों को फिर से सुनवाई का मौका दिया गया है।
जांच कमेटी के नाम पर 25 से 30 लाख रुपए की मांग
सीएमओ को एक शिकायती पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि जांच कमेटी के नाम पर अरविंद ओला नाम का एक अधिकारी अपने निजी व्यक्तियों के जरिये विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से 25 से 30 लाख रुपए की मांग कर रहा है और रुपए नहीं देने पर रिपोर्ट नेगेटिव बनाने की भी धमकी दी जाती है । पत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि अजमेर के भगवंत विश्वविद्यालय को भी छात्रवृत्ति पर होल्ड पर लगाया गया था, लेकिन मांग पूरी होने पर इसे होल्ड से हटाया जा रहा है और मंत्री से फाइल भी अप्रूल करवा ली गई है । शिकायती पत्र में सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री के नाम पर वसूली की बात कही गई है ।



छात्रवृत्ति घोटाले में जांच कमेटी की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह कहा गया
–जांच कमेटी में बताया है कि महात्मा ज्योतिबा राव फूले यूनिवर्सिटी अचरोल के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों के प्रयोग और डुप्लीकेट बैंक अकाउंट इन मल्टीपल एप्लीकेशन्स के जरिए अनियमित रूप से छात्रवृत्ति प्राप्त करने संबंधी अनियमित और अपात्र आवेदन भेजे गए हैं। इस मामले में साइबर पुलिस थाना सवाईमाधोपुर में जांच जारी है । कमेटी ने अभिशंषा की है कि जांच पूरी होने तक इस संस्थान के खिलाफ यथास्थिति बरकरार रखा जाना उचित होगा । (इस यूनिवर्सिटी को 1 दिसंबर, 2023 को छात्रवृत्ति पोर्टल पर ब्लैकलिस्ट किया था)
-जांच कमेटी में बताया कि ओपीजेएस यूनिवर्सिटी चूरू और सनराईज यूनिवर्सिटी अलवर के खिलाफ एसओजी में मामला दर्ज है और इन दोनों यूनिवर्सिटी के संचालकों को एसओजी ने गिरफ्तार भी कर लिया है।
– निर्वाण यूनिवर्सिटी, जयपुर, सिंघानिया यूनिवर्सिटी, झुंझुनूं, और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर, यह तीनो यूनिवर्सिटी उच्च शिक्षा विभाग के जांच के दायरे में है। इन सभी यूनिवर्सिटी के खिलाफ फर्जी तरीके से डिग्री बांटने, बिना मान्यता के कोर्स चलाने और अन्य अनियमितताओं के संबंध में जांच के लिए उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से जांच कमेटियां बनाई गई है।
-श्रीधर यूनिवर्सिटी,झुंझनूं, श्याम यूनिवर्सिटी लालसोट दौसा, भगवंत यूनिवर्सिटी अजमेर को लेकर उच्च शिक्षा विभाग से अधिकारिक तथ्यात्मक सूचना प्राप्त करने के लिए पत्र लिखा गया है, इस पत्र के आने के बाद ही अग्रिम कार्यवाही किया जाना उचित होगा।
सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री बोले : शिकायकर्ता का कोई भी अस्तित्व नहीं
सीएमओ में गए दोनों शिकायती पत्रों की विभाग के आईएएस अधिकारी के जरिये जांच करवा ली गई है । शिकायकर्ता नाम की संस्था और व्यक्ति का कोई भी अस्तित्व नहीं है। जबकि अरविंद ओला को एपीओ कर दिया गया है। छात्रवृत्ति घोटाले में वसूली की कार्रवाई भी चल रही है। अभी तक 80 फीसदी वसूली हो चुकी है, जबकि कमेटी की भी जांच चल रही है, जांच के बाद आगे सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-अविनाश गहलोत, सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री
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