
खानपान को लेकर हमारे घरों में बड़े-बूढ़े अक्सर ही टोकते नजर आ जाएंगे कि सही समय पर खाओ, सही तरीके से खाओ और सही खाना खाओ, लेकिन हम अपनी व्यस्तता और सहूलियत के हिसाब से ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर करते हैं। इसके सेहत पर पडऩे वाले असर पर तब तक गौर नहीं करते, जब तक किसी बीमारी का शिकार नहीं होते।

आयुर्वेद में खानपान के विशेष नियम है किस महीने में क्या नहीं खाना है, किस वक्त तक का लेना है और किस भोजन के साथ क्या नहीं खाना जैसी और भी कई सारी चीज़ें। इन्हें फॉलो कर आप लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। सबसे पहले तो ये जान लें कि हेल्दी खाने का मतलब होता है बैलेंस डाइट मतलब आपके भोजन में प्रोटीन से लेकर फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल्स ये सारी चीज़ें शामिल होनी चाहिए क्योंकि शरीर को चलाने के लिए इन सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इसके साथ ही एक और जो सबसे जरूरी चीज़ है वो है विरूद्ध आहार के बारे में जानना। मतलब ऐसी चीज़ें जिन्हें एक साथ खाने से सेहत को फायदे की जगह नुकसान पहुंच सकता है।
क्या है यह विरुद्ध आहार?
खानपान में ऐसी बहुत सारी चीज़ें हैं, जिन्हें एक साथ खाना सेहत को फायदा पहुंचाता है, तो वहीं कुछ चीज़ों को एक साथ खाना शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। कुछ फूड कॉम्बिनेशन्स शरीर में एक नई ही चीज पैदा करने का काम करते हैं, जो कई सारी गंभीर बीमारियों की वजह बन सकते हैं। इन्हें ही विरुद्ध आहार कहते हैं।
आयुर्वेद में विरुद्ध आहार को कुछ गंभीर बीमारियों की वजह बताया गया है, जैसे-
मोटापा
पेट फूलना
त्वचा पर सफेद दाग होना
कब्ज
जोड़ों में दर्द व सूजन (रूमैटॉइड ऑर्थराइटिस)
दुबलापन
बालों का झडऩा या गंजापन होना
त्वचा संबंधी परेशानियां
60 साल की उम्र से पहले नजर का कमजोर होना
गले में खराश रहना
खून की कमी
दस्त
शरीर में सूजन होना
एसिडिटी, खट्टी डकार आना
फर्टिलिटी पर असर
इनमें से ज्यादातर बीमारियों को ठीक करना पॉसिबल है विरुद्ध आहार को त्याग कर।
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