
जब स्किन के हेयर फॉलिकल ऑयल और डेड स्किन सेल से क्लॉग हो कर भर जाते हैं, तो यह स्थिति मुंहासे को जन्म देती है। ये स्किन पर कई रूप में दिख सकता है जैसे ब्लैकहेड, व्हाइटहैड, पेप्यूल, पस्ट्यूल, नोड्यूल, सिस्टिक लीजन आदि। आमतौर पर ये चेहरे पर ही होता है, क्योंकि यहां सबसे ज्यादा सेबेशियस ग्लैंड मौजूद होती हैं, जो ऑयल प्रोडक्शन का काम करती हैं। ये गंदगी, बैक्टीरिया, एक्स्ट्रा ऑयल के उत्पादन और हेयर फॉलिकल क्लॉग होने के कारण होता है। इसके अलावा हार्मोनल असंतुलन, स्ट्रेस, डाइट और कुछ दवाएं भी मुंहासों को ट्रिगर करती हैं। साथ ही खानपान की कुछ चीजें भी मुहांसों का कारण बन सकती है। अगर आप अकसर मुहांसों की समस्या से परेशान रहते हैं, तो नीचे दिए फूड्स से परहेज करें।
रिफाइंड शुगर

कैंडी, पेस्ट्री, ब्रेड, पास्ता,नमकीन आदि शुगर से भरपूर फूड्स खाने से शरीर का इंसुलिन लेवल स्पाइक कर जाता है, जिससे स्किन में ऑयल का उत्पादन बढ़ाता है और स्किन के फॉलिकल और पोर्स सीबम से भर जाते हैं और मुंहासे का रूप लेते हैं।
अंडे

इसमें एक एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रोटीन पाया जाता है, जिसे एल्ब्यूमिन, बायोटिन और प्रोजेस्टेरोन कहते हैं। ये सभी मुंहासों को ट्रिगर कर सकते हैं।
ट्रांसफैट
बेक्ड गुड्स, फ्राइड फूड जैसे फूड में ट्रांसफैट होता है, जिससे शरीर में बैड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ता है और गुड कॉलेस्ट्रॉल घटता है। ये दोनों ही चीजें मुंहासों को ट्रिगर करती हैं।
डेयरी प्रोडक्ट्स
स्किम्ड मिल्क सबसे ज्यादा मुंहासों का कारण बनता है, लेकिन कुछ शोध के अनुसार सभी प्रकार के डेयरी प्रोडक्ट्स मुंहासों को बढ़ावा देते हैं। खास तौर पर गाय के दूध से, बनी चीजें, फिर वो चाहे नो फैट हो या फिर फुल फैट हो। वहीं, कुछ स्टडी इस बात का सपोर्ट करती हैं दही से मुंहासों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
पीनट बटर
इसमें मौजूद एंड्रोजन सीबम का उत्पादन बढ़ाता है, जिससे स्किन और भी ऑयली होती है और मुंहासे को बढ़ावा मिलता है।
शराब
शराब और मुंहासों का कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन फिर भी शराब शरीर में ऐसे ट्रिगर कर सकता है, जो मुंहासों को बढ़ावा देते हैं जैसे हार्मोनल असंतुलन, कमजोर लिवर और इम्यून सिस्टम आदि।
ओमेगा 6
नट्स, सीड्स, सॉय, कॉर्न, कैनोला, वेजीटेबल ऑयल, ये सभी ओमेगा 6 रिच फूड्स मुंहासों को पैदा करने वाले बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं, जिससे मुंहासे और भी बढ़ते हैं।
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