ये फूड्स खाना है आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए खतरनाक, आज ही दूर करें इन्हें

आईवीएफ ट्रीटमेंट
आईवीएफ ट्रीटमेंट

इनफर्टिलिटी एक ऐसी समस्या है, जिससे दुनियाभर में लाखों लोग पीडि़त हैं। कंसीव करने के लिए एक साल तक लगातार प्रयास करने के बावजूद गर्भधारण न होना इनफर्टिलिटी कहलाता है। यह समस्या महिला या पुरुष किसी में भी हो सकती है और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। हालांकि, अब विज्ञान में इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने के लिए कई तकनीकों का आविष्कार हो चुका है, जिनकी मदद से बच्चे को जन्म दिया जा सकता है। इन्हीं में आईवीएफ भी शामिल है। आईवीएफ ट्रीटमेंट

हर साल 25 जुलाई को वल्र्ड आईवीएफ डे मनाया जाता है। इस दिन इनफर्टिलिटी से लडऩे में ढ्ढङ्कस्न के महत्वपूर्ण योगदान को मनाया जाता है। हालांकि, आईवीएफ ट्रीटमेंट कितना सफल रहता है, यह भी कई बातों पर निर्भर करता है, जिसमें खान-पान भी शामिल है। आप क्या खाते-पीते हैं इसका सीधा प्रभाव आपकी फर्टिलिटी पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए अगर आप आईवीएफ ट्रीटमेंट करवाने का सोच रहे हैं, तो उससे पहले अपनी डाइट में सुधार कर लें। आईवीएफ के सफल होने की संभावना को बढ़ाने के लिए किन फूड्स का परहेज करना चाहिए, इस बारे में जानने के लिए हमने डॉ. ने बताया कि कुछ फूड्स ऐसे होते हैं, जिनसे फर्टिलिटी कम होती है और ये आईवीएफ के सफल होने की संभावना को भी कम करते हैं।

किन चीजों से करें परहेज?

ट्रांस फैट्स

ट्रांस फैट्स
ट्रांस फैट्स

तली-भुनी, बेक की हुई और प्रोसेस्ड फूड्स से फर्टिलिटी कम होती है। इन्हें खाने से सूजन बढऩे और डायबिटीज का खतरा रहता है, जो पुरुषों में स्पर्म की गुणवत्ता और महिलाओं में ओव्यूलेशन को प्रभावित करता है।

चीनी

चीनी
चीनी

चीनी और सफेद ब्रेड से बने स्नैक्स का ग्लाइसीमिक इंडेक्स काफी ज्यादा होता है, जिसके कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है। इससे हार्मोनल असंतुलन होता है, जिसके कारण फर्टिलिटी कम होने लगती है। साथ ही, इन्हें खान से पुरुषों की स्पर्म काउंट भी कम हो सकता है।

कैफीन

कैफीन सेहत के लिए हानिकारक नहीं है, लेकिन ज्यादा मात्रा में यह नुकसानदेह हो सकता है। एक दिन में 200-300 द्वद्द से ज्यादा कैफीन पीने से फर्टिलिटी कम होने लगती है। ऐसा इसलिए इसलिए होता है, क्योंकि कैफीन ज्यादा मात्रा में होने से हार्मोनल संतुलन बिगडऩे लगता है। इसके कारण महिलाओं में ओव्यूलेशन से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं और पुरुषों में स्पर्म काउंट कम हो सकता है।

शराब

ज्यादा शराब पीने से भी फर्टिलिटी कम हो जाती है। शराब ज्यादा मात्रा में पीने से महिलाओं की मेंसुरल साइकिल बिगड़ सकती है और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो सकता है, जो स्पर्म बनाने के लिए जरूरी होता है। इसलिए अगर आप फैमिली प्लैनिंग कर रहे हैं, तो शराब से बिल्कुल दूरी बना लें।

हाई मरकरी मछलियां

इनके अलावा, बेकन, डेली मीट और अन्य प्रोसेस्ड मीट में केमिकल्स और प्रीजरवेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो फर्टिलिटी को कम करते हैं। इसके अलावा, ज्यादा मर्करी वाली मछलियां, जैसे- मैकरेल, स्वॉर्ड फिश, शार्क आदि को खाने से न्यूरोलॉजिक डैमेज हो सकता है। यह प्रेग्नेंट महिलाओं और जो कंसीव करना चाहती हैं, उनके लिए खासतौर से हानिकारक हो सकता है।

सोय प्रोडक्ट्स

सोय में फाइटोएस्ट्रोजेन होता है, जिसे ज्यादा मात्रा में खाने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। खासकर, उन महिलाओं में जिन्हें पीसीओएस है। इसलिए इसकी कोई दूरसे विकल्प चुनना ज्यादा बेहतर रहेगा।

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