
100 करोड़ की वसूली के आरोप झेल रहे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में बताया है कि देशमुख को बार मालिकों से 4 करोड़ रुपए मिल थे। उन्होंने यह रकम फर्जी कंपनियों के जरिए डोनेशन के रूप में अपने ट्रस्ट में ट्रांसफर कर दी।
ईडी ने शनिवार को देशमुख के पीए संजीव पलांडे और पीएस कुंदन शिंदे की कोर्ट में पेशी के दौरान यह दावा किया है। ईडी ने दोनों को शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया था।
दोनों एक जुलाई तक ईडी के रिमांड पर हैं। इन पर आरोप हैं कि ये इन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग में देशमुख की मदद की थी। जांच एजेंसी ने शनिवार को देशमुख को भी पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन देशमुख ने पेश होने के लिए नई तारीख मांगी है।
जांच एजेंसी ने शुक्रवार सुबह 7 बजे अनिल देशमुख के नागपुर स्थित आवास पर छापेमारी शुरू की थी। यह करीब 10 घंटे तक चली। पता चला है कि देशमुख के परिवार के सदस्यों से भी नागपुर स्थित उनके आवास पर पूछताछ की गई थी। शाम को ईडी के अधिकारी कुछ दस्तावेज लेकर घर से बाहर निकले।

यह मामला देशमुख पर लगे वसूली के आरोपों से जुड़ा है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने करीब ढाई महीने पहले राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने ही मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था।