“डॉलर से आज़ादी : भारत के लिए नया आर्थिक मौका”

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  • डॉलर निर्भरता कम करने से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार स्थिर होगा
  • रुपये आधारित व्यापार से आयात-निर्यात का दबाव घटेगा
  • रणनीतिक स्वतंत्रता मिलेगी, भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत होगा

India’s Big Bet : नई दिल्ली। दुनिया में अमेरिकी डॉलर की पकड़ लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन भारत अब इस प्रभुत्व को धीरे-धीरे चुनौती देने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सही रणनीति अपनाई गई तो भारत डॉलर पर निर्भरता घटाकर न केवल अपना व्यापार घाटा कम कर सकता है बल्कि एक नई आर्थिक ताकत के रूप में भी उभर सकता है।

"डॉलर से आज़ादी: भारत के लिए नया आर्थिक मौका"
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दरअसल, भारत रूस, ईरान और यूएई जैसे देशों के साथ रुपये में व्यापार समझौतों पर काम कर रहा है। तेल और गैस जैसे बड़े आयात रुपये में करने से भारत का चालू खाता घाटा (CAD) पर बोझ घटेगा और विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम होगा।

डिजिटल लेन-देन के क्षेत्र में भारत के पास पहले से मजबूत आधार मौजूद है। UPI, रुपे कार्ड और डिजिटल रुपया (CBDC) जैसे प्लेटफॉर्म न केवल घरेलू भुगतान प्रणाली को बदल रहे हैं बल्कि इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विस्तार दिया जा रहा है। इससे भारत वैश्विक स्तर पर SWIFT जैसी डॉलर-आधारित प्रणालियों पर निर्भर नहीं रहेगा और वित्तीय संप्रभुता हासिल कर सकेगा।

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विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि रुपये में अंतरराष्ट्रीय निवेश और बॉन्ड मार्केट (जैसे मसाला बॉन्ड) को बढ़ावा देने से विदेशी पूंजी प्रवाह स्थिर होगा। यह कदम भारत को BRICS और ग्लोबल साउथ में एक मजबूत लीडरशिप की स्थिति में पहुंचा सकता है।

आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि डॉलर पर निर्भरता घटने से भारत का एक्सचेंज रेट स्थिर होगा, आयात-निर्यात में करेंसी मिसमैच का खतरा कम होगा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार अधिक संतुलित बनेगा। साथ ही, अमेरिका के दबाव और पाबंदियों से भी भारत को अधिक स्वतंत्रता मिलेगी, जिससे रूस, चीन और ईरान जैसे ऊर्जा-समृद्ध देशों के साथ स्थायी व्यापार संबंध मजबूत होंगे।

भारत के लिए अब चुनौती और अवसर दोनों मौजूद हैं। मुद्रा स्वैप समझौते, रुपये-आधारित लेन-देन और BRICS मुद्रा पहल में सक्रिय भूमिका निभाकर भारत न केवल अपनी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित बना सकता है बल्कि विश्व मंच पर एक वित्तीय संप्रभु शक्ति के रूप में स्थापित हो सकता है।

नोट – यह लेख लेखक की व्यक्तिगत राय है जो कभी भी गलत हो सकती है। यह लेख केवल शिक्षा उद्देश्य के लिए हैं। कृपया निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेना ना भूले । पैसा आपका स्वयं का है अतः सोच कर समझ कर ही निवेश करें।

अर्पित मोदी
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लेखक – अर्पित मोदी
आर्थिक विशेषज्ञ, इन्वेस्टमेंट इनसाइट नॉलेज शेयरिंग, जयपुर