दिलीप घोष और सुप्रिया श्रीनेत के बयान पर भड़का चुनाव आयोग, बताया टिप्पणी निंदनीय

चुनाव आयोग
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भारत चुनाव आयोग ने महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए भाजपा सांसद दिलीप घोष और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत की निंदा की। आयोग ने एमसीसी उल्लंघनों पर उन्हें जारी किए गए नोटिसों का जवाब मिलने के बाद अपने आदेश में कहा कि वे आश्वस्त हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत हमला किया और इस तरह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया। उन्हें आदर्श आचार संहिता की अवधि के दौरान सार्वजनिक बयानों में सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है।

इस बार से उनके चुनाव संबंधी संचार पर आयोग द्वारा विशेष और अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी। चेतावनी नोटिस की एक प्रति पार्टी प्रमुखों को भी भेजी जाती है ताकि वे अपने पदाधिकारियों को सार्वजनिक डोमेन में संचार करते समय सावधान रहने और ऐसी किसी भी अपमानजनक टिप्पणी और एमसीसी दिशानिर्देशों के उल्लंघन से बचने के लिए जागरूक कर सकें।

इससे पहले निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता दिलीप घोष और कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

रनौत को भाजपा ने आम चुनाव के लिए हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। निर्वाचन आयोग ने घोष और श्रीनेत की टिप्पणियों को ‘‘अशोभनीय और गलत’’ बताया। आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टया, दोनों टिप्पणियां आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) और चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों को गरिमा बनाए रखने की सलाह का उल्लंघन हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा 16 मार्च को लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। घोष और श्रीनेत को 29 मार्च की शाम तक कारण बताओ नोटिस का जवाब देने को कहा गया था।