
नई दिल्ली। संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की उस मांग को चुनाव आयोग ने निजता का अधिकार बताते हुए खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान सीसीटीवी फुटेज की मांग की थी। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का आरोप लगाने के बाद सीसीटीवी फुटेज की मांग की थी।
आयोग ने कहा कि फुटेज देने से लोगों की निजता का उल्लंघन होगा। साथ ही, यह कानून के खिलाफ भी है। आयोग ने यह भी कहा कि फुटेज सिर्फ अंदरूनी निगरानी के लिए है।
इसे सिर्फ अदालत के आदेश पर ही दिया जा सकता है। निर्वाचन आयोग के निर्देश का हवाला देते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि साफ दिख रहा है कि मैच फिक्स है जो लोकतंत्र के लिए जहर है।
मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग फुटेज सार्वजनिक करने की मांग के बीच चुनाव आयोग ने बड़ा बयान दिया है। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि ऐसा कदम मतदाताओं की निजता और सुरक्षा संबंधी चिंताओं का उल्लंघन है। अधिकारियों ने दावा किया कि जिसे बहुत तार्किक मांग के रूप में पेश किया जा रहा है, वह वास्तव में मतदाताओं की निजता और सुरक्षा संबंधी चिंताओं का उल्लंघन है।
यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और 1951 में निर्धारित कानूनी स्थिति और शीर्ष कोर्ट के निर्देशों के पूरी तरह विपरीत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि फुटेज को साझा करने से मतदाता और मतदाता न होने वाले लोग दोनों ही असामाजिक तत्वों के निशाने पर आ सकते हैं। इससे किसी भी समूह या व्यक्ति की ओर से मतदाताओं की पहचान करना आसान हो जाएगा।