
जयपुर। चुनाव आयोग द्वारा सोमवार को प्रेसवार्ता करके पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया गया, राजस्थान में एक ही चरण में आगामी 23 नवंबर को मतदान होगा और 03 दिसंबर को मतगणना होगी। आज रात से प्रदेष में आदर्ष आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी। इस संबंध में आज भाजपा प्रदेष कार्यालय में भाजपा प्रदेषाध्यक्ष सीपी जोषी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ और उप नेता प्रतिपक्ष सतीष पूनिया ने प्रेसवार्ता को संबोेधित किया।
भाजपा प्रदेषाध्यक्ष सीपी जोषी ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि चुनावों की तारीख तय होने के साथ ही चुनाव की रणभेरी बज चुकी है, हमारे साथ प्रदेष की जनता भी चुनाव का इंतजार कर रही थी। बीते पांच साल के कालखंड को प्रदेष की जनता कभी नहीं भूल सकती क्योंकि जनता ने एक-एक दिन गिनकर निकाला, इस कदर लोग त्रस्त हो गए थे। आदर्ष आचार संहिता लगने के बाद आज से मुफ्त घोषणाओं के नाम पर प्रदेष में चलाया जा रहा आंडबर भी समाप्त हो जाएगा। जनता ने राजस्थान में डबल इंजन की सरकार बनाने का पूरा मन बना लिया है। प्रदेष कांग्रेस सरकार ने विजन 2030 के नाम पर जनता से सुझाव मांगे थे जिसके जवाब में जनता ने गहलोत सरकार से कहा कि आप अब आराम कीजीए जनता ने भाजपा को चुनने का मन बना लिया है।
भाजपा प्रदेषाध्यक्ष सीपी जोषी ने कहा कि भाजपा द्वारा प्रदेष में निकाली गई जन आक्रोष यात्रा, नहीं सहेगा राजस्थान अभियान और परिवर्तन संकल्प यात्रा को जनता ने पूरा आषीर्वाद दिया और ये सभी यात्राएं जन-जन की यात्राएं बन गई। पिछले चुनाव में महज 1.5 लाख वोटों के अंतर से हम जनता की सेवा करने से वंचित रह गए थे, लेकिन इस बार जनता कांग्रेस की महाभ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बना चुकी है। पूरे पांच साल कांग्रेेस सरकार में कुर्सी की लड़ाई चलती रही और प्रदेष की जनता पिसती रही। अब आचार संहिता लगने के बाद खुला मैदान है, इस चुनावी संग्राम में प्रदेष की जनता कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए तैयार है।
नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 23 नवंबर को देव उठेंगे और उसी दिन प्रदेष की जनता मतदान करके इस असुर रूपी सरकार का मान मर्दन करेगी। पिछले 4 महीने में डिजाइन बॉक्स के मालिक नरेश अरोड़ा के निर्देशन में जो 2000 करोड़ की राशि के विज्ञापन जारी हुए, उन विज्ञापनों के माध्यम से मुख्यमंत्री अषोक गहलोत ने अपनी छवि को महिमा मंडित करने की जो कोषिष की थी वो आज से बंद हो जाएगी।
एक तरफ आचार संहिता लग रही थी, दूसरी तरफ सचिवालय में कल रात से ही धड़ाधड़ कई खानों का आवंटन हो रहा था, तो कहीं ट्रांसफर हो रहे थे। हद तो तब हो गई जब संवैधानिक संस्था लोक सेवा आयोग में मुख्यमंत्री गहलोत अपने ओएसडी सहित केसरी सिंह की सिफारिश करते है। स्टाफ सलेक्षन बोर्ड के अंदर डॉ. संजय पोसवाल की सिफारिश करते हैं, मैं समझता हूं कि इस प्रकार का कृत्य इस बात को सिद्ध कर रहा है, कि सरकार के मुखिया ने यह महसूस कर लिया कि उनका जाना बिल्कुल तय है, और जाते-जाते वह अपने विष्वसनीय लोगों को पुरस्कृत करके चले जाएं।